ग्राउंड ज़ीरो पर NDTV : ‘भूकंप से जूझता नेपाल’

नई दिल्ली:

काठमांडु में कई घंटों की बारिश के बाद आज मौसम खुला है जिससे राहत कार्य में तेज़ी आई है। ऐसे में NDTV की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची है और हर तरफ़ फैली तबाही के मंज़र के बीच से राहत कार्यों की जानकारी ला रही है।

काठमांडु के एक रिलीफ़ कैंप में पहुंचे NDTV के रिपोर्टर मनीष कुमार बताते हैं कि, 'यहां रुक-रुक कर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं और ज्य़ादा से ज्य़ादा नए कैंप्स बनाए जा रहे हैं। अधिकांश कैंपों में रह रहे लोगों को लगता है कि वे घर से ज्य़ादा सुरक्षित इन रिलीफ़ कैंप्स में है क्योंकि सरकारी मदद भी इन रिलीफ़ कैंप्स में जल्दी पहुंच रही है।'

बुज़ुर्ग और बच्चे ज्य़ादा प्रभावित हुए
मनीष के अनुसार, किसी भी प्राकृतिक आपदा की तरह इस भूकंप में बुज़ुर्ग और बच्चे ज्य़ादा प्रभावित हुए हैं और लगातार आ रहे आफ्टर शॉक्स (हल्के भूकंप के झटके) के कारण वे काफ़ी डरे हुए हैं। चूंकि बुज़ुर्गों और छोटे बच्चों के लिए बार-बार घर से भागना मुमकिन नहीं है इसलिए वे टेंट्स में रात गुज़ार रहे हैं।

मनीष जिस कैंप में हैं वो काठमांडु शहर के बीचोंबीच स्थित है इसलिए वहां हालात अन्य कैंप्स से बेहतर हैं, लेकिन दूर-दराज के इलाकों के कैंप में आम सुविधा न के बराबर है।

बचावकर्मियों की है कमी
सेना को लगाए जाने के बावजूद वहां बचाव कर्मियों की कमी है। यहां रहने वाले कई लोग अपने-अपने घर या गांव चले गए हैं क्योंकि वहां भी भूकंप का असर हुआ है और घर में किसी न किसी की मौत हुई है। सुदूरवर्ती इलाकों में आज से राहत कार्य चालू होने की उम्मीद है जिसके बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा।

काठमांडु शहर के ही एक दूसरे रिलीफ़ कैंप में मौजूद NDTV संवादाददाता हृदयेश जोशी दिल्ली से सुनौली के रास्ते होते हुए सड़क मार्ग से काठमांडु पहुंचे हैं। हृदयेश के मुताबिक वहां पहुंचने के बाद रविवार से उनलोगों ने कई आफ्टर शॉक्स झेले हैं। जिस होटल में हृदयेश और NDTV की टीम ठहरी हुई है उसकी दीवारों पर भी दरार आ गई है।


गिर रहे हैं चट्टानों से पत्थर
जब NDTV की टीम सड़क मार्ग से काठमांडु की तरफ़ जा रही थी तो रास्ते में उन लोगों को कई लोगों ने वहां जाने से मना किया था, लेकिन ये लोग आगे बढ़ते रहे। जिस होटल में ये लोग ठहरे हुए हैं वहां तय शादियों को रद्द कर दिया गया है। हृदयेश के मुताबिक चूंकि काठमांडु एक पहाड़ी इलाका है तो वहां अब भी बड़े-बड़े पहाड़ों और चट्टानों से पत्थर गिर रहे हैं जिससे रोड ब्लॉक हो रहा है।

एरियल पंपिंग कर रही बीएसएफ
सीमा सुरक्षा बल एरियल पंपिंग कर रही है लेकिन वो भी कम है। मैनेजमेंट की कमी है। दिल्ली से काठमांडु पहुंचे 12 सदस्यीय डॉक्टरों के दल के अनुसार उन्हें पता नहीं है कि कहां और क्या काम करना है। कस्बाई इलाकों में मदद तो पहुंच रही है पर ज़रूरत दूर-दराज़ और गांव देहात के इलाकों में जाकर देखने की है कि वहां के क्या हालात है क्योंकि वहां न कोई मीडिया की टीम  रिपोर्टिंग कर रही है, न ही सरकारी मदद पहुंच पा रही है।

हृद्येश को मिली ख़बरों के अनुसार पोख़रा के पास ऐतिहासिक मनोरमा मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सुरक्षित है पशुपतिनाथ मंदिर
नेपाल में भगवान शिव के सबसे पुराने पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे हैं एनडीटीवी संवाददाता हृद्येश जोशी। ये मंदिर काठमांडू में बागमती नदी के किनारे बसा है और भारत-नेपाल के बीच सांस्कृतिक-धार्मिक जुड़ाव के केन्द्र के रूप में जाना जाता है। हृदयेश जोशी ने पूरे पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में घूमने के बाद पाया कि परिसर का मुख़्य मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि मंदिर के पुराने हिस्से को काफ़ी नुक़सान पहुंचा है, अगल-बगल के छोटे मंदिरों को क्षति हुई है। बागमती नदी के तट पर बसे शमशान घाट के पास के कई शिवलिंगों को भी नुक़सान पहुंचा है लेकिन राहत की बात ये है कि यहां जान-माल का कम नुकसान हुआ है जिससे लोगों की आस्था एक बार फिर चरम पर है और मंदिर में पूजा-पाठ जारी है।