नई दिल्ली:
राष्ट्रपति भवन की भव्य इमारत के भीतर भी मच्छरों का डेरा है, ये यक़ीन नहीं होता। मगर एनडीएमसी का कहना है, यहां रहने वाले कर्मचारियों की छतों पर बनी टंकियों के जमा पानी में मच्छर पल रहे हैं।
राष्ट्रपति भवन ही नहीं, रायसीना हिल्स की दूसरी इमारतों में भी साफ़-सफ़ाई को लेकर लापरवाही का आलम दिखता है। एनडीएमसी ने राष्ट्रपति भवन को 90 नोटिस भेजे हैं सरकारी इमारतों को 3365 नोटिस भेजे हैं। 193 इमारतों का चालान किया है जिनमें गृह मंत्रालय तक शामिल है।
सवाल है, यहां कहां बसते हैं मच्छर। जवाब सत्ता के गलियारों में लगे हुए इन कूलरों में छुपा है। पूरे नॉर्थ ब्लॉक में जगह-जगह लगे ऐसे कूलरों में पानी जमा रह जाता है। अब बताया जा रहा है कि ये कूलर सूखे ही चलाए जा रहे हैं। सजा हुआ गुलदान सुंदर लगता है, मगर ख़तरनाक हो सकता है। ये फव्वारे दूर से सुंदर लगते हैं, मगर क़रीब जाते ही दिखती है गंदगी। और तो और, दिल्ली के जाने-माने अस्पतालों के भीतर भी ये ख़तरनाक लापरवाही दिखती है।
एम्स के नौ चालान कटे हैं, उसे 22 नोटिस दिए गए हैं, सफ़दरजंग अस्पताल के हिस्से 6 चालान और 12 नोटिस हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 4 चालान हुए हैं और उसे 14 नोटिस गए हैं जबकि लेडी हार्डिंग अस्पताल का एक बार चालान हुआ है, उसे 8 नोटिस गए हैं।
जब अस्पतालों का ये हाल हो, और जहां से सरकार चलती है, उन इमारतों में साफ़-सफ़ाई न हो तो समझा जा सकता है कि डेंगू की रोकथाम कितनी मुश्किल है।
स्वछ भारत का अभियान नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुरू किया लेकिन अब आलम ये है की सबसे ज्यादा गंदगी सरकारी दफ्तरों में ही पायी जा रही ये एनडीएमसी का कहना है क्योंकि सबसे ज्यादा मच्छर सरकारी दफ्तरों में मिल रहे हैं, खासकर रायसीना हिल्स में और एनडीएमसी को यहां सुरक्षा का हवाला देकर सफाई भी नहीं करने दी जाती।
राष्ट्रपति भवन ही नहीं, रायसीना हिल्स की दूसरी इमारतों में भी साफ़-सफ़ाई को लेकर लापरवाही का आलम दिखता है। एनडीएमसी ने राष्ट्रपति भवन को 90 नोटिस भेजे हैं सरकारी इमारतों को 3365 नोटिस भेजे हैं। 193 इमारतों का चालान किया है जिनमें गृह मंत्रालय तक शामिल है।
सवाल है, यहां कहां बसते हैं मच्छर। जवाब सत्ता के गलियारों में लगे हुए इन कूलरों में छुपा है। पूरे नॉर्थ ब्लॉक में जगह-जगह लगे ऐसे कूलरों में पानी जमा रह जाता है। अब बताया जा रहा है कि ये कूलर सूखे ही चलाए जा रहे हैं। सजा हुआ गुलदान सुंदर लगता है, मगर ख़तरनाक हो सकता है। ये फव्वारे दूर से सुंदर लगते हैं, मगर क़रीब जाते ही दिखती है गंदगी। और तो और, दिल्ली के जाने-माने अस्पतालों के भीतर भी ये ख़तरनाक लापरवाही दिखती है।
एम्स के नौ चालान कटे हैं, उसे 22 नोटिस दिए गए हैं, सफ़दरजंग अस्पताल के हिस्से 6 चालान और 12 नोटिस हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 4 चालान हुए हैं और उसे 14 नोटिस गए हैं जबकि लेडी हार्डिंग अस्पताल का एक बार चालान हुआ है, उसे 8 नोटिस गए हैं।
जब अस्पतालों का ये हाल हो, और जहां से सरकार चलती है, उन इमारतों में साफ़-सफ़ाई न हो तो समझा जा सकता है कि डेंगू की रोकथाम कितनी मुश्किल है।
स्वछ भारत का अभियान नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुरू किया लेकिन अब आलम ये है की सबसे ज्यादा गंदगी सरकारी दफ्तरों में ही पायी जा रही ये एनडीएमसी का कहना है क्योंकि सबसे ज्यादा मच्छर सरकारी दफ्तरों में मिल रहे हैं, खासकर रायसीना हिल्स में और एनडीएमसी को यहां सुरक्षा का हवाला देकर सफाई भी नहीं करने दी जाती।
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