यह ख़बर 15 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एनडीए की देशव्यापी हड़ताल 20 सितंबर को

खास बातें

  • वाम दल, सपा और अन्य विपक्षी दलों की तर्ज पर एनडीए ने भी डीजल मूल्य वृद्धि और खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिए जाने के विरोध में 20 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का फैसला किया है।
नई दिल्ली:

वाम दल, सपा और अन्य विपक्षी दलों की तर्ज पर एनडीए ने भी डीजल मूल्य वृद्धि और खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिए जाने के विरोध में 20 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का फैसला किया है।

यह घोषणा एनडीए के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। कांग्रेस ने जनता का ध्यान भ्रष्टाचार से हटाने के लिए इस तरह के फैसले किए हैं। हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्होंने कहा, '...लगता है कि यह सरकार आत्महत्या करना चाहती है। हमने अन्य राजनीतिक दलों से भी बात की है। सरकार के लिए अच्छा होगा कि वह चुनावों के लिए 2014 तक इंतजार नहीं करे।

इससे पहले, वाम दलों और सपा सहित आठ प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल के दाम बढ़ाने और रसोई गैस सिलंडर की सीमा तय करने के सरकार के फैसले को ‘जन विरोधी’ बताते हुए 20 सिंतबर को देशव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एबी वर्धन ने बताया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 20 तारीख को हड़ताल का सुझाव दिया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

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इस हड़ताल में चारों वाम दल, सपा, तेदेपा, जदयू-एस और बीजद संयुक्त रूप से शामिल होंगे।