विज्ञापन
This Article is From Dec 01, 2020

चिल्‍ड्रन होम के बच्‍चों को माता-पिता को सौंपने का निर्देश रद्द किया: NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जेजे एक्ट के तहत बच्चों को मदद देने के लिए माता-पिता की क्षमता की जांच किए बिना किसी भी बच्चे को उनके माता-पिता के घर वापस नहीं भेजा जाएगा.

चिल्‍ड्रन होम के बच्‍चों को माता-पिता को सौंपने का निर्देश रद्द किया: NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने NCPCR से उस पत्र को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था (प्रतीकात्‍मक फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कोरोना बचाव मामले में NCPCR ने 9 अक्‍टूबर को दिया था निर्देश
NCPCR ने आठ राज्‍यों को इस संबंध में लिखा था लेटर
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगा था
नई दिल्ली:

चिल्ड्रन होम (Child protection homes) में रहने वाले बच्चों के कोरोना से बचाव (Covid-19 scare) के मामले में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्‍शन ऑफ चाइल्‍ड राइट्स (NCPCR) ने 9 अक्टूबर के अपने उस निर्देश को रद्द किया जिसमें बच्चों को तुरंत माता-पिता को सौंपने के लिए कहा गया था. NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि किशोर न्याय अधिनियम की आवश्यकताओं का पालन किए बिना किसी भी बच्चे को वापस नहीं भेजा जाएगा.सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जेजे एक्ट के तहत बच्चों को मदद देने के लिए माता-पिता की क्षमता की जांच किए बिना किसी भी बच्चे को उनके माता-पिता के घर वापस नहीं भेजा जाएगा. उन्‍होंने कहा कि कानून के अनुसार, बच्चे को चिल्ड्रन होम में हमेशा के लिए नहीं रखा जा सकता है.

कोविड हॉस्पिटल में आग लगने पर SC की गुजरात सरकार को फटकार, कहा-मरीज जलकर मरें, यह दुर्भाग्‍यपूर्ण

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के चिल्ड्रन होम में रहने वाले बच्चों के कोरोना के समय प्रोटेक्शन को लेकर NCPCR को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था. पिछले दिनों NCPCR ने आठ राज्यों को लेटर लिखकर कहा था कि बच्चों को उनके घर पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था.सुप्रीम कोर्ट ने NCPCR से उस पत्र को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें एनसीपीसीआर ने 8 राज्यों को चिल्ड्रन होम में रह रहे बच्चों को उनके परिवारों को सौंपना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. इन आठ राज्यों के चिल्ड्रेन होम में 70 फीसदी बच्चे रहते हैं. 

खुदकुशी के लिए उकसाए जाने वाले आरोप के मामले में अर्नब सहित दो आरोपियों को भी मिली जमानत

अदालत ने  एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी से कहाकि वह इस मामले में कोर्ट को केंद्र सरकार से निर्देश लेकर अवगत कराएं. मामले में कोर्ट सलाहकार गौरव अग्रवाल ने अदालत को बताया कि कोविड महामारी का प्रकोप अभी देश भर में जारी है ऐसे में एनसीपीसीआर को इस तरह का लेटर नहीं जारी करना चाहिए. महामारी के मद्देनजर देश भर में चिल्ड्रन होम में बच्चों की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था इसी मामले की सुनवाई चल रही है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम में बच्चों को कोविड-19 से बचाने को लेकर स्वतः संज्ञान लेने के मामले पर केंद्र सरकार से दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि शेल्टर होम में बच्चों के लिए कितना फंड मुहैया करवाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से बच्चों की सुरक्षा के लिए दिए गए फंड की पूरी जानकारी मांगी है. अदालत ने एमिक्स क्यूरी गौरव अग्रवाल से कहा है कि बच्चों के लिए आश्रय गृहों के प्रबंधन के लिए राज्यों द्वारा अपनाई जा रही अच्छी प्रथाओं पर एक नोट दायर करें कि किस तरह से प्रथा ने मदद की है और इसे कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है. 

RT-PCR टेस्ट की कीमत घटाने को लेकर SC ने केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com