भुवनेश्वर:
नक्सलियों ने ओडिशा से अगवा किए गए इतावली नागरिक को छोड़ने की अपने वार्ताकारों की अपील के दो दिन बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है।
नक्सलियों ने इटली के दो नागरिकों- क्लाडियो कोलैंजेलो (61) और बोसुस्को पाओलो (54) को 14 मार्च को ओडिशा के गंजम व कंधमाल जिले से अगवा कर लिया था। क्लाडियो को उन्होंने 25 मार्च को मानवता के आधार पर छोड़ दिया था, लेकिन पाओलो अब भी उनकी कैद में हैं।
वार्ताकारों ने नक्सलियों से पाओलो को भी छोड़ने की अपील की है, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "नक्सलियों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।"
अधिकारी के मुताबिक, सरकार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के अपहृत विधायक झिना हिकाका (37) के बारे में भी अब तक कोई सुराग नहीं मिला है, जिन्हें नक्सलियों के एक अन्य गिरोह ने 24 मार्च को कोरापुट जिले के पहाड़ी इलाके से गिरफ्तार कर लिया था।
नक्सलियों के दो मध्यस्थों- दंडपाणि मोहंती व बीडी शर्मा ने शनिवार को राज्य सरकार के साथ बातचीत पूरी होने के बाद नक्सलियों से अपील की कि वे पाओलो को मानवता के आधार पर रिहा कर दें।
मध्यस्थों ने सरकार से भी अपील की कि वह उन लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करे, जिसके बारे में नक्सलियों का दावा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।
नक्सलियों ने पाओलो को छोड़ने के लिए सरकार के समक्ष 13 मांगें रखी हैं, जिनमें जनजातीय इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश की मनाही, नक्सल विरोधी अभियान रोकने तथा कई कैदियों को रिहा करने की मांग शामिल है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार ने इनमें से किसी भी मांग पर सहमति जताई है या नहीं। विधायक का अपहरण करने वाले गिरोह की भी कमोबेश यही मांगें हैं। उन्होंने अपनी ओर से कोई वार्ताकार नियुक्त करने से इंकार किया है।
नक्सलियों ने इटली के दो नागरिकों- क्लाडियो कोलैंजेलो (61) और बोसुस्को पाओलो (54) को 14 मार्च को ओडिशा के गंजम व कंधमाल जिले से अगवा कर लिया था। क्लाडियो को उन्होंने 25 मार्च को मानवता के आधार पर छोड़ दिया था, लेकिन पाओलो अब भी उनकी कैद में हैं।
वार्ताकारों ने नक्सलियों से पाओलो को भी छोड़ने की अपील की है, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "नक्सलियों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।"
अधिकारी के मुताबिक, सरकार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के अपहृत विधायक झिना हिकाका (37) के बारे में भी अब तक कोई सुराग नहीं मिला है, जिन्हें नक्सलियों के एक अन्य गिरोह ने 24 मार्च को कोरापुट जिले के पहाड़ी इलाके से गिरफ्तार कर लिया था।
नक्सलियों के दो मध्यस्थों- दंडपाणि मोहंती व बीडी शर्मा ने शनिवार को राज्य सरकार के साथ बातचीत पूरी होने के बाद नक्सलियों से अपील की कि वे पाओलो को मानवता के आधार पर रिहा कर दें।
मध्यस्थों ने सरकार से भी अपील की कि वह उन लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करे, जिसके बारे में नक्सलियों का दावा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।
नक्सलियों ने पाओलो को छोड़ने के लिए सरकार के समक्ष 13 मांगें रखी हैं, जिनमें जनजातीय इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश की मनाही, नक्सल विरोधी अभियान रोकने तथा कई कैदियों को रिहा करने की मांग शामिल है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार ने इनमें से किसी भी मांग पर सहमति जताई है या नहीं। विधायक का अपहरण करने वाले गिरोह की भी कमोबेश यही मांगें हैं। उन्होंने अपनी ओर से कोई वार्ताकार नियुक्त करने से इंकार किया है।
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