
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने देश आने का न्योता दिया। गिलानी के संगठन ने शनिवार को श्रीनगर में इसकी जानकारी दी।
गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा, गिलानी को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने शुक्रवार रात दिल्ली में तिलक मार्ग पर स्थित अपने घर पर रात के खाने के दौरान शरीफ का निमंत्रण पत्र सौंपा। प्रवक्ता ने कहा कि शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान के गठन का अपूर्ण एजेंडा बताते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध कश्मीर मुद्दे के हल के बिना 'खुद से छलावा' होंगे।
प्रवक्ता के अनुसार, शरीफ ने पत्र में लिखा है कि कश्मीर कोई सीमा विवाद नहीं है, बल्कि दो करोड़ लोगों के 'स्वनिर्धारण के अधिकार' से जुड़ा है। उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने भारत से साफ कहा है कि कश्मीर मुद्दे की अनदेखी कर द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति नहीं हो सकती।
शरीफ ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत इस वजह से नहीं हुई, क्योंकि 'भारत कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार नहीं था।' प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा, हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन भारत सरकार का अव्यवहारिक रुख एक बड़ा अवरोध रहा है। प्रवक्ता के अनुसार गिलानी ने सैद्धांतिक रूप से पाकिस्तान के दौरे का न्योता स्वीकार कर लिया। हालांकि प्रवक्ता ने यात्रा की निश्चित तिथि नहीं बताई।
गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा, गिलानी को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने शुक्रवार रात दिल्ली में तिलक मार्ग पर स्थित अपने घर पर रात के खाने के दौरान शरीफ का निमंत्रण पत्र सौंपा। प्रवक्ता ने कहा कि शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान के गठन का अपूर्ण एजेंडा बताते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध कश्मीर मुद्दे के हल के बिना 'खुद से छलावा' होंगे।
प्रवक्ता के अनुसार, शरीफ ने पत्र में लिखा है कि कश्मीर कोई सीमा विवाद नहीं है, बल्कि दो करोड़ लोगों के 'स्वनिर्धारण के अधिकार' से जुड़ा है। उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने भारत से साफ कहा है कि कश्मीर मुद्दे की अनदेखी कर द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति नहीं हो सकती।
शरीफ ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत इस वजह से नहीं हुई, क्योंकि 'भारत कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार नहीं था।' प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा, हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन भारत सरकार का अव्यवहारिक रुख एक बड़ा अवरोध रहा है। प्रवक्ता के अनुसार गिलानी ने सैद्धांतिक रूप से पाकिस्तान के दौरे का न्योता स्वीकार कर लिया। हालांकि प्रवक्ता ने यात्रा की निश्चित तिथि नहीं बताई।
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