नौसेना दिवस के मौके को लेकर सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह से जब पूछा गया कि खुफिया जानकारी के मुताबिक अलकायदा से समुद्र के अंदर से अटैक कर सकता है तो नेवी चीफ ने कहा कि हम पूरी तरह सतर्क हैं और ऐसे किसी भी संगठन के हिमाकत का जवाब देने के लिए पूरी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि चीन हिन्द महासागर में 2008 से मौजूद है और हम लगातार उन पर नज़र बनाये हुए हैं. 2008 के बाद काफी चौकसी बढ़ा है. 'Sea vigil' का मकसद था कि हम कितने तैयार हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट में नेवी का बजट 18 फीसदी से घटकर 13 फीसदी पर आ गया है. हमारी कोशिश है कि इस परिस्थिति में मेरी टाइम सिक्योरिटी से कोई समझौता ना हो. जरूरत के हिसाब से अपनी प्राथमिकता तय करते है. नेवी चीफ करमबीर सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नेवी के स्पेशल फोर्सेज मार्कोस भी सेना की मदद के लिये तैनात हैं.
जब उनसे सवाल किया गया कि चीन के युद्धपोत को क्यों भारत के नियंत्रण वाले समुद्र से से जाने को कहा गया इस पर नेवी चीफ बोले हमारा रुख साफ है यदि आपको हमारे एक्सक्लूसिव इकनोमिक ज़ोन में कार्य करना है तो उन्हें हमारी इजाजत लेनी होगी. नौसेना ने 'मिलन' अभ्यास में चीन को न्योता नहीं दिया है. हालांकि अगले महीने थल सेना के चीन के साथ मेघालय में 7 से 20 दिसम्बर के साथ 'हैंड टू हैंड' अभ्यास करेगी.
देश की नौसेना ने बजटीय आवंटन में अपना हिस्सा लगातार कम होने पर चिंता जताई है. नौसेना इस बारे में अपनी चिंता से सरकार को अवगत करा चुकी है. नौसेना दिवस से एक दिन पहले मीडिया से बातचीत में नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह ने कहा है कि वित्त वर्ष 2012-13 में देश के कुल रक्षा बजट का 18 प्रतिशत नौसेना के पास था, जो लगातार घटते हुए वित्त वर्ष 2018-19 में महज़ 13 प्रतिशत रह गया है. नौसेना प्रमुख ने कहा है कि घटते बजट से निपटने के लिए नौसेना संतुलन बनाकर चलती है ताकि हमारी क्षमताओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.
गौरतलब है कि नौसेना प्रमुख ने बजटीय आवंटन पर अपनी शिकायत ऐसे वक़्त दर्ज कराई है जब कुछ महीने में नया बजट भी पेश होना है. सूत्रों के मुताबिक नौसेना चाहती है कि उसके बजट में 5 से 6 हज़ार करोड़ की वृद्धि हो ताकि चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते ख़तरे के मद्देनज़र समुद्री सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें.
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने भी कहा था नौसेना के आधुनिकीकरण की ज़रूरतों को देखते हुए बजट कम है और नौसेना सरकार से 20,000 करोड़ की अतिरिक्त सहायता की मांग कर सकती है.
सूत्रों ने बताया है कि नौसेना को मल्टीरोल हेलीकॉप्टरों समेत अत्याधुनिक हथियारों की दरकार बनी हुई है ताकि देश कम तीव्रता वाले युद्ध, परंपरागत युद्ध तथा अनअपेक्षित ख़तरों के प्रति तैयार रह सके.
कर्मबीर सिंह ने बताया कि नौसेना 48 शिपयार्ड समेत 50 जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण कर रही है. उसकी योजना में तीन एयरक्राफ्ट कैरियर को अपने बेड़े में शामिल करने की है, ताकि दो हमेशा परिचालन में रह सकें. उन्होंने कहा कि देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर 2022 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा.
अंडर वॉटर ट्रेनिंग कर रहे हैं जैश आतंकी: नेवी चीफ
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं