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This Article is From Jun 24, 2011

जरूरी हुआ तो मिग-29 की उड़ान बंद कर देंगे : नौसेना प्रमुख

भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को कहा कि जरूरत पड़ी तो तकनीकी आधार पर वह इन विमानों को उड़ान नहीं भरने देगा।
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नई दिल्ली: ऐसे में जबकि भारतीय सेना के लिए निर्मित दो सीटों वाला मिग-29केयूबी लड़ाकू युद्धक विमान रूस में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को कहा कि जरूरत पड़ी तो तकनीकी आधार पर वह इन विमानों को उड़ान नहीं भरने देगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सेना को अब तक मिग-29 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने को लेकर रूस की ओर से विस्तृत जानकारी का इंतजार है। उल्लेखनीय है कि मिग-29केयूबी लड़ाकू युद्धक विमान गुरुवार को रूस के अस्तराखान इलाके में हादसे का शिकार हो गया था। इस घटना में दोनों पायलटों की मौत हो गई थी। मिग-29केयूबी लड़ाकू युद्धक विमान मिग-29 के का परीक्षण वर्जन है, जिसे 2013 में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य (जिसका नाम अभी एडमिरल गोर्सकोव है) पर तैनात किया जाना है। आईएएनएस विक्रमादित्य को 2013 में नौ सेना में शामिल किया जाना है। नौ सेना ने इस विमानवाहक पोत के लिए 16 विमान खरीदे हैं, जिनमें से 12 एक सीट वाले विमान हैं जबकि चार परीक्षण विमान हैं। भारत ने जो 16 मिग-29 विमान खरीदे हैं, उनमें से 12 एक सीट वाले और चार दो सीट वाले परीक्षण विमान हैं। भारत को दो परीक्षण विमानों सहित 11 विमान मिल भी चुके हैं। इन विमानों को गोवा नेवल एअर स्टेशन पर रखा गया है। इसी स्थान पर आईएएनएस विक्रमादित्य को भारतीय नौ सेना में शामिल किया जाना है।

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मिग-29, उड़ान, नौसेना प्रमुख
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