नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा कि राष्ट्रवाद हमारी पहचान है और उनको राष्ट्रवाद के संदेश और एजेंडे पर फोकस करना चाहिए क्योंकि दो साल पहले उनकी रिकॉर्ड जीत में यह प्रमुख कारण रहा है.
पीएम मोदी ने बीजेपी कोर ग्रुप से यह भी कहा कि पार्टी को इस धारणा और आरोपों के खिलाफ भी डटकर मुकाबला करना चाहिए कि यह समाज के कमजोर और वंचित तबकों की सुरक्षा प्रदान करने और उनके हक की लड़ाई लड़ने में नाकाम रही है. पीएम ने अपनी टीम से कहा, ''80 प्रतिशत पार्टी के सदस्य एससी/एसटी और ओबीसी कैटेगरी से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में ये भ्रामक धारणाएं सफल नहीं होनी चाहिए.''
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ''गरीबों का कल्याण ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए. दीनदयाल जी ने इसी उद्देश्य के लिए अंत्योदय सामने रख जनसंघ की स्थापना की थी. चुनाव तो हमें जीतने ही हैं मगर गरीबों के कल्याण के हमारे मूल उद्देश्य को भी पूरा करना है.''
इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि चुनाव जीतना राष्ट्रीय कर्तव्य है क्योंकि करीब तीस साल के लंबे समय तक अनिश्तितता वाली सरकारें रहीं. भ्रष्टाचार, कुशासन का बोलबाला रहा. इसलिए लंबे समय तक भारत के उत्थान और गरीबों के कल्याण के लिए 30-35 साल संघर्ष करना है. कई प्रकल्प चलाए गए हैं इसलिए सभी प्रकल्पों को पूरा करने के लिए देश हित में चुनाव जीतना राष्ट्रीय कर्तव्य है.
उल्लेखनीय है कि हाल में दलितों पर अत्याचार की कई घटनाओं के बाद विपक्ष ये आरोप लगा रहा है कि बीजेपी समाज के सबसे कमजोर, वंचित तबकों के बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा करने में विफल रही है.
जुलाई की शुरुआत में बीजेपी शासित गुजरात के उना कस्बे में चार दलित युवकों के कपड़े उतारकर कार से बांधा गया और उनकी पिटाई की गई. दरअसल गौरक्षकों ने उनको कथित रूप से गो-हत्या का जिम्मेदार माना था. बाद में यह सूचना गलत साबित हुई. कुछ सप्ताह पहले पीएम ने इस तरह की हिंसा करने वालों को चेतावनी दी थी.
इसी जनवरी में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी. उससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि जातिगत आधार पर अधिकारियों द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा था.
पीएम मोदी ने बीजेपी कोर ग्रुप से यह भी कहा कि पार्टी को इस धारणा और आरोपों के खिलाफ भी डटकर मुकाबला करना चाहिए कि यह समाज के कमजोर और वंचित तबकों की सुरक्षा प्रदान करने और उनके हक की लड़ाई लड़ने में नाकाम रही है. पीएम ने अपनी टीम से कहा, ''80 प्रतिशत पार्टी के सदस्य एससी/एसटी और ओबीसी कैटेगरी से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में ये भ्रामक धारणाएं सफल नहीं होनी चाहिए.''
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ''गरीबों का कल्याण ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए. दीनदयाल जी ने इसी उद्देश्य के लिए अंत्योदय सामने रख जनसंघ की स्थापना की थी. चुनाव तो हमें जीतने ही हैं मगर गरीबों के कल्याण के हमारे मूल उद्देश्य को भी पूरा करना है.''
इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि चुनाव जीतना राष्ट्रीय कर्तव्य है क्योंकि करीब तीस साल के लंबे समय तक अनिश्तितता वाली सरकारें रहीं. भ्रष्टाचार, कुशासन का बोलबाला रहा. इसलिए लंबे समय तक भारत के उत्थान और गरीबों के कल्याण के लिए 30-35 साल संघर्ष करना है. कई प्रकल्प चलाए गए हैं इसलिए सभी प्रकल्पों को पूरा करने के लिए देश हित में चुनाव जीतना राष्ट्रीय कर्तव्य है.
उल्लेखनीय है कि हाल में दलितों पर अत्याचार की कई घटनाओं के बाद विपक्ष ये आरोप लगा रहा है कि बीजेपी समाज के सबसे कमजोर, वंचित तबकों के बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा करने में विफल रही है.
जुलाई की शुरुआत में बीजेपी शासित गुजरात के उना कस्बे में चार दलित युवकों के कपड़े उतारकर कार से बांधा गया और उनकी पिटाई की गई. दरअसल गौरक्षकों ने उनको कथित रूप से गो-हत्या का जिम्मेदार माना था. बाद में यह सूचना गलत साबित हुई. कुछ सप्ताह पहले पीएम ने इस तरह की हिंसा करने वालों को चेतावनी दी थी.
इसी जनवरी में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी. उससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि जातिगत आधार पर अधिकारियों द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा था.
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