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This Article is From May 12, 2017

नेशनल हेराल्‍ड केस : सोनिया-राहुल को झटका, हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की जांच को मंजूरी दी

बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यन स्वामी ने सोनिया, राहुल और दूसरों पर नेशनल हेराल्ड मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है.

नेशनल हेराल्‍ड केस : सोनिया-राहुल को झटका, हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की जांच को मंजूरी दी
बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यन स्वामी ने सोनिया, राहुल पर नेशनल हेराल्ड मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है.(फाइल फोटो)
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कोर्ट ने कहा कि आपको जांच का सामना करना होगा
बीजेपी ने इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका करार दिया
कांग्रेस ने इसको झटका मानने से इनकार किया
नई दिल्‍ली: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को झटका लगा है. दिल्‍ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तय किया कि यंग इंडियन कंपनी को इनकम टैक्स की जांच का सामना करना पड़ेगा. इस कंपनी में सोनिया और राहुल दोनों की हिस्सेदारी है. दिल्ली हाइकोर्ट में इस जांच को रोकने के लिए दी गई अपनी अर्ज़ी उनके वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने वापस ले ली. इसे बीजेपी ने सोनिया-राहुल को लगे झटके की तरह पेश किया, लेकिन अभिषेक मनुसिंघवी ने इसे दुष्प्रचार करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताया. जबकि अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार गलत खबरें फैला रही है, और कोर्ट का फैसला कांग्रेस के लिए कोई सेटबैक नहीं है.

सिंघवी के मुताबिक कोर्ट ने आयकर विभाग के सामने यंग इंडियन को अपनी बात रखने का मौका दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि यंग इंडियन इस मामले में अहंकारी रवैया नहीं अपना सकता. उसे सारे ज़रूरी दस्तावेज इनकम टैक्स विभाग को सौंपने होंगे. उधर राज्यसभा सांसद और जाने-माने वकील के टी एस तुलसी ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया है कि ये एक राजनीतिक द्वेष का मामला है. तुलसी ने कहा, "ये पॉलिटिकल हरासमेन्ट का मामला है. इसमें कोई दम नहीं है."

यंग इंडियन में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है. नेहरू के अख़बार नेशनल हेराल्ड के नौ करोड़ शेयर इस कंपनी के नाम ट्रांसफ़र किए गए. इसके ख़िलाफ सुब्रह्मण्यन स्वामी अदालत पहुंच गए. ये उचित है कि आयकर विभाग कंपनी के खातों की जांच करे. अगर इसमें कोई संदेह है कि उसकी भी खत्म होना ज़रूरी है. और अगर कोई अनियमितिता है तो उसकी भी विस्तार से जांच होनी चाहिये. जब तक ये मामला सुलझेगा नहीं, तक तक इस पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे.

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