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This Article is From Jan 23, 2019

नरोदा पाटिया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को दी जमानत, हाईकोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा

बता दें कि हाईकोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई थी. इन आरोपियों में उमेश भाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाश भाई राठौर शामिल हैं.

नरोदा पाटिया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को दी जमानत, हाईकोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा
नरोदा पाटिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
Quick Take
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कोर्ट ने कहा- इनकी सजा पर बहस होनी चाहिए
हाईकोर्ट ने सुनाई थी सजा
गुजरात में 2002 मे हुए थे दंगे
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने नरोदा पाटिया दंगा (Naroda Patiya massacre) मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए चार दोषियों को जमानत दे दी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इनकी सजा पर फिलहाल संदेह है. बता दें कि हाईकोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई थी. इन आरोपियों में उमेश भाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाश भाई राठौर शामिल हैं. एससी (SC) ने सुनवाई के दौरान कहा कि बजरंगदल के नेता बाबू बजरंगी और अन्य की अपील भी स्वीकार कर ली है. बता दें कि नरोदा पाटिया दंगा (Naroda Patiya massacre) मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को बरी कर दिया था, वहीं बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखी गई थी. सुनवाई के दौरान नरोदा दंगा पीड़ित (Naroda Patiya massacre) के लिए मुआवजे की मांग वाली याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.  

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इस मामले के 32 दोषियों में से गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी सहित 17 लोगों को बरी कर दिया था. कोर्ट 12 लोगों की सजा को बरकरार रखा था. साथ ही अभी दो के ऊपर फैसला आने का इंतजार है. बता दें कि इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है.न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिये विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 

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कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. एक अन्य बहुचर्चित आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास और शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में 29 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था. जहां दोषियों ने निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, वहीं विशेष जांच दल ने 29 लोगों को बरी किया था. 

VIDEO: माया कोडनानी को कोर्ट ने किया बरी.

 

 

 

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