नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम और मंडी कानून में संशोधन किया गया है और कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा खत्म कर दी गई है. इसके अंतर्गत किसानों के लिए वन नेशन, वन मार्केट बनेगा, यही नहीं सरकार ने किसानों को किसी भी राज्य में फसल बेचने की अनुमति दी है. यह फैसला बुधवार को नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में लिया गया. बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि किसानों के हित में कानून में सुधार किया गया है.
उन्होंने बताया कि वन नेशन, वन मार्केट पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई. एक और महत्वपूर्ण निर्णय यह हुआ है कि अब किसानों को ज्यादा दाम मिलने पर अपनी उपज को आपसी सहमति के आधार पर बेचने की आजादी होगी. कैबिनेट ने कृषि क्षेत्र में तीन ओर अभूतपूर्व निर्णय किए हैं इसके अंतर्गत जरूरी कानूनों को किसान हितैषी बनाया जाएगा. प्याज, तेल, तिलहन और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है.
भारत में निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव के तहत निवेश आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों में सचिवों (ईजीओएस) और परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी) के "समूह" की स्थापना को मंजूरी दी गई है. आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी (पीसीआईएम और एच) के लिए फार्माकोपिया आयोग की स्थापना को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट करने का अनुमोदन किया गया.
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