चेन्नई:
विकिलीक्स खुलासे में लश्कर आतंकी डेविड हेडली के प्रत्यर्पण से संबंधित विवाद के बीच पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प. बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन ने कहा कि देश उसके प्रत्यर्पण को लेकर काफी गंभीर है। विकिलीक्स की ओर से इस खुलासे के बारे में पूछे जाने पर नारायणन ने कहा, प्रत्यर्पण को लेकर हमारी गंभीरता के तथ्य पर कोई सवाल नहीं है। हमें इस संबंध में सूचना में कोई रुचि नहीं है। विकिलीक्स के लीक दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि करीब दो साल पहले भारत सरकार अमेरिका से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हैडली के प्रत्यर्पण की मांग करने में संभवत: जनता के मद्देनजर महज दिखावा कर रही थी। विकिलीक्स के अनुसार 17 दिसंबर, 2009 को अमेरिकी विदेश विभाग को भेजे गए एक केबल में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे रोमर ने खुलासा किया था कि उस समय के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने उनसे कहा था कि सरकार वास्तव में ऐसा करना नहीं चाहती लेकिन ऐसा करते हुए दर्शाना चाहती है। हेडली के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर नारायणन ने उनसे कहा था कि इस तरह के प्रयास करते हुए नहीं दिखाना मुश्किल है लेकिन सरकार इस वक्त प्रत्यर्पण नहीं चाह रही। अमेरिकी अधिकारियों के बीच संवाद के बारे में टिप्पणी करने पूर्व एनएसए ने इनकार करते हुए कहा कि इस विषय पर किसी भी संदेह के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से पूछा जाना चाहिए। नारायणन ने कहा कि न तो उन्हें और न ही किसी अन्य को ऐसी किसी संभावना पर यकीन होगा।
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