नानावती आयोग ने गुप्तचर शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
अहमदाबाद:
गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों की जांच कर रहे नानावती आयोग ने बुधवार को गुप्तचर शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) को एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में सूचना देनी है कि दंगों से संबंधित राज्य गुप्तचर ब्यूरो (एसआईबी) की कौन सी जानकारी उपलब्ध थी और कौन सी नष्ट कर दी गईं। जन संघर्ष मंच (जेएसएम) नाम के एक गैर सरकारी संगठन ने आयोग से राज्य सरकार को एसआईबी की सूचनाओं के गायब होने संबंधी स्पष्टीकरण देने का निर्देश देने की मांग की थी। इसी याचिका पर न्यायमूर्ति जीटी नानावती और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता ने एडीजीपी को 10 दिनों के अंदर यह रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि 29 जून को सरकार के वकील एस बी वकील ने संवाददाताओं को बताया था कि सरकारी नियमों के अनुसार वर्ष 2007 में इन दंगों से संबंधित फोन रिकॉर्ड, अधिकारियों की गतिविधि की सूची और वाहन लॉगबुक को नष्ट कर दिया गया। हालांकि बाद में राज्य के गृह विभाग ने दंगों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होने की बात कही थी। साथ ही सरकार ने यह भी कहा था कि एसआईबी की कुछ अस्थायी प्रकृति की सूचनाओं को नियमों के अनुसार नष्ट कर दिया गया। जेएसएम ने आयोग से राज्य के गृह सचिव को यह निर्देश देने को कहा है कि 27 फरवरी से 31 मई 2002 की अवधि के दौरान के किन दस्तावेजों को नष्ट किया गया। इसके अलावा 27 फरवरी से तीन मार्च 2002 की अवधि के दौरान पूर्व पुलिस महानिदेशक चक्रवर्ती, पूर्व एडीजीपी जी सी रायगर, पूर्व पुलिस आयुक्त पी सी पांडे और एसआईबी के उपायुक्त संजीव भट्ट के वाहनों की गतिविधि की सूची भी देखे जाने की मांग की गई है। राज्य सरकार ने जिन दस्तावेजों को नष्ट करने का दावा किया है, उसका प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत करने की मांग की गई है।