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This Article is From Feb 20, 2015

सरकार चाहती है, मैं नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर के पद पर न रहूं : अमर्त्य सेन

नई दिल्ली : नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर पद को लेकर अमर्त्य सेन की चिट्ठी के बाद विवाद गहरा गया है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय की गर्वनिंग बोर्ड को चिट्ठी लिखकर कहा है कि सरकार नहीं चाहती कि मैं इस पद पर आगे भी बना रहूं, इसलिए मैं यहां नहीं रुक सकता।

सेन ने लिखा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी देश के शिक्षण संस्थान सरकार के इशारों पर काम करते हैं। फ़ैसले में देरी और अनिश्चितता की स्थिति विश्वविद्यालय के हित में नहीं है और विश्वविद्यालय के हित के लिए मैंने पद छोड़ने का फ़ैसला किया है।

इससे पहले 13 जनवरी को गवर्निंग बोर्ड ने दूसरे कार्यकाल के लिए अमर्त्य सेन के नाम पर मुहर लगा दी थी, लेकिन सरकार की तरफ से उनके नाम को अब तक मंज़ूरी नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने गवर्निंग बोर्ड को चिट्ठी लिखी है।

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