विज्ञापन
This Article is From Dec 06, 2021

नगालैंड पुलिस ने सेना की टुकड़ी के खिलाफ दर्ज की स्वत: FIR, 14 ग्रामीणों के मर्डर का लगाया आरोप

नगालैंड पुलिस ने शनिवार शाम नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी.

नगालैंड के मोन जिले में पैरा स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन में 14 ग्रामीणों की मौत हो गई है.

कोहिमा:

नगालैंड पुलिस (Nagaland Police) ने शनिवार शाम MON जिले में नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में भारतीय सेना (Indian Army) के 21 पैरा विशेष बल की टुकड़ी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें अब तक कुल 14 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद ग्रामीणों के साथ झड़प में सेना के एक जवान की भी मौत हुई है. प्राथमिकी में नगालैंड पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पैरा स्पेशल बलों ने स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया था, न ही कोई पुलिस गाइड लिया था, इसलिए सेना का कहना है कि यह 'गलत पहचान' थी. प्राथमिकी में पुलिस ने 'सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या और घायल करना' बताया है.

म्यांमार की सीमा से सटे नगालैंड का MON जिला AFSPA ACT के तहत है, इसलिए जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक सेना पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है किन यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें पुलिस ने नागरिकों पर गोलीबारी के आरोप में सेना के  विशेष बलों के खिलाफ स्वत: हत्या के आरोप दायर किए हैं.

नगालैंड गोलीबारी : सरकार ने मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की

MON जिले में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो आज MON जाने वाले हैं. सभी मृतक ग्रामीणों का आज अंतिम संस्कार भी किया जाना है.

शनिवार की शाम पैरा फोर्सेज के एक ऑपरेशन में गलत पहचान की वजह से 13 ग्रामीणों की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसके बाद ग्रामीणों ने असम राइफल के कैम्प पर धावा बोल दिया था. इस झड़प में सेना का एक जवान घायल हो गया था जिसकी रविवार को मौत हो गई. बाद में एक और घायल ग्रामीण की मौत हो जाने से इस घटना में अब तक कुल 15 लोगों की मौत हो चुकी है.

"नरसंहार, युद्ध अपराध, मृत्युदंड" : सैन्य ऑपरेशन पर नगालैंड बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया

नगालैंड के मोन जिले में एक समय में पांच से अधिक लोगों की सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और वाणिज्यिक वाहनों सहित गैर-आवश्यक प्रकृति के सभी वाहनों की आवाजाही को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यों की एक SIT का गठन किया है. उधर, सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com