वारदात के समय चौराहे पर उमड़ी भीड़
दीमापुर सेंट्रल जेल से एक बलात्कार के आरोपी को गुस्से में आई भीड़ ने पहले जेल से निकाला और फिर उसको इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। जानकारी ये भी है कि कई और कैदी भी जेल से भाग गए हैं। इसीलिए कैदियों की गिनती भी की जा रही है। दूसरी तरफ नागालैंड पुलिस ने गृह मंत्रालय से और फ़ोर्स भी मांगी है और आर्मी को भी अलर्ट कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक घटना शाम चार बजे की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "जेल को स्थानीय पुलिस और जेल गार्ड्स गार्ड कर रहे थे, लेकिन वो उस आरोपी को बचा नहीं सके।" मौके पर पुलिस का कहना था कि इतनी भीड़ देखकर वह समझ नहीं पाए कि क्या करना है।
उस अधिकारी के मुताबिक इस घटना का असर कानून व्यवस्था पर भी पड़ा है क्योंकि पुलिस लाचार बन तमाशा देखती रही। "सीआरपीएफ़ के जवानों को जब तक निर्देश नहीं दिए जाते वो कार्रवाई नहीं करते।"
उन्होंने कहा, लगभग 600 लोगों ने दोपहर को दीमापुर सेंट्रल जेल पर हमला बोला। जिस लड़की का बलात्कार हुआ था वो एक ट्राइबल थी। भीड़ गुस्से में थी। पहले भीड़ ने जेल पर हमला किया। आरोपी को वहां से निकाला करीब सात किलोमीटर उसे घसीटा जिस के कारण उसकी मौत हो गई। फिर भीड़ ने उसे (अब लाश को) सड़क के एक चौक पर फांसी लगा दी।
गृह मंत्रालय की माने तो इस घटना का असर आस पास इलाकों पर होगा खासकर असम में इसीलिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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