विज्ञापन
This Article is From Nov 02, 2015

'मंदिरों के रखवाले' इस मुस्लिम ने बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में लौटाया कबीर पुरस्कार

'मंदिरों के रखवाले' इस मुस्लिम ने बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में लौटाया कबीर पुरस्कार
पश्चिम बंगाल में पात्रा गांव के पठान ने 30 वर्षों तक 28 मंदिरों की देखरेख की
कोलकाता: वो कोई मशहूर कलाकार, फिल्मकार, वैज्ञानिक या इतिहासकार नहीं, लेकिन सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्हें कबीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया और देश में बढ़ी असहिष्णुता के विरोध में अब वह इसे लौटाने जा रहे हैं। ये हैं पश्चिम बंगाल के यासीन पठान... एक मुस्लिम जिन्होंने बीते तीस साल 28 प्राचीन हिंदू मंदिरों का रख-रखाव किया।

तीस वर्षों तक की मंदिरों की देख-रेख
पात्रा गांव के 28 मंदिरों में से एक मंदिर कम से कम तीन सौ साल पुराना है और आज भी खड़ा है। इसकी एक वजह है मोहम्मद यासीन पठान, जिन्होंने 1971 से तीस साल तक इसका रख-रखाव किया। सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए 1993 में उन्हें कबीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पठान आज बीमार हैं, साथ ही यह दर्द भी सता रहा है कि साम्प्रदायिक सद्भाव का ताना-बाना कमज़ोर हो रहा है। यही वजह है कि उन्होंने राष्ट्रपति के हाथों मिला कबीर सम्मान और साथ में मिले पांच हज़ार रुपये लौटाने का फ़ैसला किया है। पठान कहते हैं, 'जिस तरह से अख़लाक़ को मारा गया, कश्मीर के विधायक और बीजेपी के कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती गई, कर्नाटक में कलबर्गी की हत्या हुई, उस सबको देखते हुए मैंने ये फ़ैसला लिया है।'

निजी अनुभव भी बेहद खराब
पठान की मानें तो उन्होंने ये फ़ैसला सिर्फ़ ख़बरों के आधार पर नहीं लिया, एक स्कूल से चपरासी के पद से रिटायर हुए पैंसठ साल के पठान का ख़ुद का अनुभव भी अच्छा नहीं रहा है। वह बताते हैं, 'ग्यारह अक्टूबर को मैं इलाज के लिए चेन्नई गया। होटल ने मेरा वोटर आइकार्ड देखा और कहा कि हम मुस्लिमों को कमरा नहीं देते।

बड़े बड़े लेखकों, कलाकारों के बीच यासीन पठान के विरोध को भले मीडिया की सुर्खियां ना मिली हों, लेकिन पात्रा गांव के इन मंदिरों में उनका दर्द, उनको विरोध गूंजता रहेगा।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
पश्चिम बंगाल, पात्रा गांव, मोहम्मद यासीन पठान, कबीर पुरस्कार, West Bengal, Mohammad Yasin Pathan, सांप्रदायिक सद्भाव, Religious Harmony, Kabir Award
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com