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अपने इस नियम के पीछे उनका तर्क है कि इस्लाम में महिलाओं का प्रवेश अस्वीकार्य है। इसी के साथ ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि उनका यह फैसला अंतिम है।
अपने इस नियम के पीछे उनका तर्क है कि इस्लाम में महिलाओं का प्रवेश अस्वीकार्य है। इसी के साथ ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि उनका यह फैसला अंतिम है।
ट्रस्ट ने कहा है महिलाएं दरगाह परिसर में आ सकती हैं, लेकिन जिस स्थान पर पवित्र कब्र है वहां उनके जाने पर प्रतिबंध रहेगा। यह कब्र 15 वीं सदी के सूफी संत पीर हाजी अली शाह बुखारी की है।
जाने-माने वकील और दरगाह के एक ट्रस्टी रिजवान मर्चेंट ने कहा कि हमने अपनी बहनों से आग्रह किया है कि वे कब्र के करीब न जाएं। वे पूर्व के भांति अपनी प्रार्थना, नमाज और शाल तथा फूल अर्पित कर सकती हैं।
गौरतलब है कि मुंबई तट से करीब 500 मीटर पानी के भीतर अरब सागर में यह दरगाह स्थित है।
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