प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
मोबाईल फोन भी क्या जान से प्यारा हो सकता है? मुंबई में कुछ ऐसा ही हुआ है। नतीजा युवक की मौत हो गई और युवती अस्पताल में जीवन के लिये संघर्ष कर रही है।
जरीम फर्नांडिस और नियति मिर्जनकर दोनों ही गोरेगांव की एक ऐड एजेंसी मे काम करते हैं। 30 जून की रात दोनों घायल अवस्था में रेल पटरी पर मिले। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां जरीम की मौत हो गई। पहले तो पुलिस को लगा कि ये खुदकुशी का मामला है।
लेकिन जब युवक के पास मिले मोबाईल फोन पर आये आखिरी कॉल की जांच की गई तो पता चला कि ये हादसा है और मोबाइल फोन खोजने की कोशिश में हुआ है।
मुंबई रेल जीआरपी के डीसीपी दीपक देवराज के मुताबिक, जब हमने उस आखिरी नंबर पर कॉल किया तो सामने वाले ने बताया कि जरीम और वो दोस्त हैं। रात में जब जरीम से फोन पर बात कर रहा था तभी ट्रेन में साथ में सफर कर रही नियती का फोन निचे गिर गया। जरीम ने ये बात मुझे बताई तब मैंने उसे मोबाईल फोन खोजने के लिये रात में पटरी पर जाने से मना किया था। लेकिन दोनों नहीं माने।
पुलिस के मुताबिक नियति के हाथ से फोन सांताक्रूज और खार के बीच में गिरा था इसलिये खार स्टेशन पर पहुंचते ही दोनों दूसरी तरफ से पटरी पर उतर कर सांताक्रूज की तरफ चलने लगे। तभी चर्चगेट से आ रही दूसरी ट्रेन ने उन्हें टक्कर मार दी।
शक है कि नियती का फोन डंडा मारने से गिरा होगा। क्योंकि मुंबई में रेल पटरियों पर कई ऐसे ठिकाने है जहां डंडा मार गिरोह सक्रिय रहते हैं। वो रात में खंभे पर खड़े रहकर दरवाजे पर सफर कर रहे यात्रियों के हाथ पर डंडा मारते हैं। इससे यात्री के हाथ में बैग, सामान या मोबाईल जो कुछ भी होता है वो गिर जाता है। जिसे लेकर वो चंपत हो जाते हैं।
सांताक्रूज और खार के बीच में जहां ये हादसा हुआ वहीं पास में रहने वाले सिद्धार्थ सकपाल ने एनडीटीवी को बताया कि महीने में इस तरह की 4-5 घटनाएं होती हैं। अपना सामान खोजने के चक्कर में लोग दूसरी लोकल की चपेट में आ जाते हैं।
डीसीपी दीपक देवराज का कहना है कि इस तरह की वारदातों को रोकने के लिये पुलिस रात में पटरियों पर गश्त लगाती है। मौके पर मिलने वालों को पकड़ा भी जाता है। इस वारदात के बाद भी 5 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
जरीम फर्नांडिस और नियति मिर्जनकर दोनों ही गोरेगांव की एक ऐड एजेंसी मे काम करते हैं। 30 जून की रात दोनों घायल अवस्था में रेल पटरी पर मिले। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां जरीम की मौत हो गई। पहले तो पुलिस को लगा कि ये खुदकुशी का मामला है।
लेकिन जब युवक के पास मिले मोबाईल फोन पर आये आखिरी कॉल की जांच की गई तो पता चला कि ये हादसा है और मोबाइल फोन खोजने की कोशिश में हुआ है।
मुंबई रेल जीआरपी के डीसीपी दीपक देवराज के मुताबिक, जब हमने उस आखिरी नंबर पर कॉल किया तो सामने वाले ने बताया कि जरीम और वो दोस्त हैं। रात में जब जरीम से फोन पर बात कर रहा था तभी ट्रेन में साथ में सफर कर रही नियती का फोन निचे गिर गया। जरीम ने ये बात मुझे बताई तब मैंने उसे मोबाईल फोन खोजने के लिये रात में पटरी पर जाने से मना किया था। लेकिन दोनों नहीं माने।
पुलिस के मुताबिक नियति के हाथ से फोन सांताक्रूज और खार के बीच में गिरा था इसलिये खार स्टेशन पर पहुंचते ही दोनों दूसरी तरफ से पटरी पर उतर कर सांताक्रूज की तरफ चलने लगे। तभी चर्चगेट से आ रही दूसरी ट्रेन ने उन्हें टक्कर मार दी।
शक है कि नियती का फोन डंडा मारने से गिरा होगा। क्योंकि मुंबई में रेल पटरियों पर कई ऐसे ठिकाने है जहां डंडा मार गिरोह सक्रिय रहते हैं। वो रात में खंभे पर खड़े रहकर दरवाजे पर सफर कर रहे यात्रियों के हाथ पर डंडा मारते हैं। इससे यात्री के हाथ में बैग, सामान या मोबाईल जो कुछ भी होता है वो गिर जाता है। जिसे लेकर वो चंपत हो जाते हैं।
सांताक्रूज और खार के बीच में जहां ये हादसा हुआ वहीं पास में रहने वाले सिद्धार्थ सकपाल ने एनडीटीवी को बताया कि महीने में इस तरह की 4-5 घटनाएं होती हैं। अपना सामान खोजने के चक्कर में लोग दूसरी लोकल की चपेट में आ जाते हैं।
डीसीपी दीपक देवराज का कहना है कि इस तरह की वारदातों को रोकने के लिये पुलिस रात में पटरियों पर गश्त लगाती है। मौके पर मिलने वालों को पकड़ा भी जाता है। इस वारदात के बाद भी 5 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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