मुंबई: बढ़ते कोरोना केसों के बीच मंडराया रोजीरोटी पर संकट, BMC ने धारावी में शुरू की टीकाकरण मुहिम

धारावी की मंजू गोविल कहती हैं, 'कोई अलाउ नहीं करता, कहता है टीका लगा कर आओ. बोलते हैं तुम्हारी उम्र हो गयी है. मेरे पास कोई कमाने वाला नहीं हैं तो मुझे ही कमाना पड़ेगा. '

मुंबई: बढ़ते कोरोना केसों के बीच मंडराया रोजीरोटी पर संकट, BMC ने धारावी में शुरू की टीकाकरण मुहिम

धारावी पहली बस्ती है, जहां के लिए अलग से वैक्सीन सेंटर शुरू हुए हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • धारावी के लिए खुले टीका केंद्र,10 वैक्सीन बूथ
  • मदद के लिए बीएमसी के साथ एनजीओ और डॉक्टर एसो.
  • एक महिला बोली ‘कोई काम नहीं दे रहा, कहते हैं टीका लगवाकर आओ’
मुंंबई:

Maharashtra corona cases Update: महाराष्ट्र सरकार का अनुमान है कि राज्य में 4 अप्रैल तक कोरोना के ऐक्टिव मामले तीन लाख के पार जा सकते हैं. मुंबई शहर में इस समय रोजाना लगभग 5,000 मामले आ रहे हैं. धारावी बस्ती में जनवरी के मुक़ाबले ऐक्टिव मामले मार्च में 100% बढ़े हैं. कोरोना संक्रमण के कारण बने हालात के चलते लोगों की रोज़ीरोटी पर फिर आफ़त है इसलिए अब पूरी बस्ती को जल्द टीका लगाने की मुहिम बृहन्‍नमुंबई म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन (BMC) ने शुरू कर दी है. ये पहली बस्ती है, जहां के लिए अलग से वैक्सीन सेंटर शुरू हुए हैं.

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धारावी की मंजू गोविल कहती हैं, 'कोई अलाउ नहीं करता, कहता है टीका लगा कर आओ. बोलते हैं तुम्हारी उम्र हो गयी है. मेरे पास कोई कमाने वाला नहीं हैं तो मुझे ही कमाना पड़ेगा. छोटा-मोटा काम करके कमाएगी.' धारावी में मंजू जैसे बहुत सारे लोग हैं जिनकी रोज़ की कमाई से घर चलता है. धारावी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में यहां के लोगों पर फिर काम छिनने का ख़तरा है इसलिए बीएमसी ने पूरी धारावी को जल्द से जल्द टीका लगाने की मुहिम शुरू की है. ढाई वर्ग किलोमीटर की धारावी की साढ़े छह लाख की आबादी के लिए दस वैक्सीन बूथ हैं. डॉ. अख़्तर शेख़ ने बताया, 'यहां बीजीएस, बीएमसी और धारावी आयुष डॉक्टर एसोसिएशन के ज़रिए हम वैक्सिनेशन ड्राइव शुरू कर रहे हैं. कोशिश है कि जिनके पास मोबाइल नहीं है, टेक्निकल नॉलेज नहीं है उनको रेजिस्टर करवाएंगे. इसके लिए दस अलग-अलग जगहों पर हेल्प डेस्क लगाया है. डॉक्टर का ये रोल रहेगा कि लोगों को कनविंस करेगा कि टीके में कोई गड़बड़ नहीं है, इसे लेना एकदम सुरक्षित है.'

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मुंबई शहर में लगातार औसतन पांच हजार के आसपास कोविड-19 केस आ रहे हैं. BMC की टास्क फ़ोर्स कहती है, लोग घबराएँ नहीं और जब हालत बुरी हो तब ही अस्पताल का रुख़ करें. बीएमसी टास्क फ़ोर्स के सदस्‍य डॉ गौतम भंसाली कहते हैं, 'ये दूसरी लहर है, इसको स्‍वीकार करना होगा. अच्छी बात है कि इससे इंफ़ेक्शन तो काफ़ी जल्दी फैल रहा है लेकिन मौतें ज़्यादा नहीं हैं, जानलेवा नहीं है, अगर आप पॉजिटिव हुए हैं और फीवर नहीं हैं, ऑक्‍सीजन लेवल सही है, सिवीयर कफ नहीं है तो बिना मतलब अस्पताल में भर्ती नहीं होना है. हर पॉज़िटिव को अस्पताल आने की ज़रूरत नहीं, होम आइसोलेशन में रहना है.'

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अस्‍पतालों की बात करें तो मुंबई शहर में 40% कोविड बेड, 30% आईसीयू बेड और 27% वेंटिलेटर बेड फ़िलहाल ख़ाली हैं बढ़ते मामले को देखते हुए 15,000 की कोविड बेड क्षमता को बढ़ाकर, बीएमसी 21,000 कर रही है. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पूरे महाराष्ट्र में क़रीब 50% कोविड बेड फ़िलहाल ख़ाली बताए जा रहे हैं. सरकार अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन सब जुटाने में लगी है. अंदेशा ये है कि 4 अप्रैल तक राज्य में ऐक्टिव मामले 3 लाख का आंकड़ा पार कर लेंगे.