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This Article is From Aug 12, 2012

2014 चुनाव : अहम पद की आस में तीसरा मोर्चा बनाना चाहते हैं मुलायम

2014 चुनाव : अहम पद की आस में तीसरा मोर्चा बनाना चाहते हैं मुलायम
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा की सम्भावना तलाशने में जुट गए हैं। तीसरे मोर्चे की बदौलत वह केंद्र में अहम भूमिका अदा करना चाहते हैं।

पिछले दो लोकसभा चुनाव में सांसदों की अपेक्षाकृत अच्छी संख्या होने के बावजूद केंद्र की सरकार में शामिल होने का गम मुलायम को सताता रहा है। इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

मुलायम को लगता है कि 2014 में तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में अगर उनकी पार्टी के 50 से ज्यादा सांसद जीत कर पहुंचे तो प्रधानमंत्री बनने के उनके सपने को पंख लग सकते हैं, लेकिन उन्हें यह भी पता है कि ये सपना काफी हद तक उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार के कामकाज के बल पर ही पूरा हो सकता है।

मुलायम को पता है कि उत्तर प्रदेश में सपा की विधानसभा चुनाव जैसी जीत तभी दोहरा पाएगी जब अखिलेश सरकार का कामकाज बेहतर होगा और पार्टी कार्यकर्ताओं की सरकार में सुनवाई होगी। इसलिए वह अपने बेटे की अगुवाई वाली सरकार के अब तक के प्रदर्शन पर नाराजगी जताने से भी नहीं हिचके।

कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होने की शिकायत और राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों के कामकाज से खफा मुलायम ने हाल में मंत्रियों-विधायकों की बैठक में बिना किसी का नाम लिए अल्टीमेटम दे दिया कि बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले और कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने वाले मंत्रियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सूबे में लोकसभा की 60 सीटों का लक्ष्य बनाने वाले मुलायम चाहते हैं कि लोगों में सपा सरकार की छवि अच्छी बने जिससे उसका लाभ वह लोकसभा चुनाव में भुना सकें। इसलिए वह लगातार अखिलेश सरकार पर जल्द से जल्द घोषणा पत्र के वादे पूरा करने का दबाव बना रहे हैं।

लोगों में सपा सरकार की लोकप्रियता बढ़ाने के मकसद से उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ-साथ दूसरे सभी वरिष्ठ मंत्रियों को भी पार्टी मुख्यालय में अलग-अलग दिन जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया।

राजनीतिक चिंतक एनएन दीक्षित कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में सपा का भविष्य बहुत हद तक अखिलेश सरकार के कामकाज और उपलब्धियों पर निर्भर रहेगा। अगर सपा सरकार से जनता का विश्वास टूटा तो मुलायम के सपने को टूटने में देर नहीं लगेगी। यह बात मुलायम को अच्छी तरह पता है। इसीलिए वह किसी कीमत पर कम से कम आगामी लोकसभा चुनाव तक अखिलेश सरकार का बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं।

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