यह ख़बर 04 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मुलायम के गोद लिए गांव में 80 फीसदी यादव, मुसलमान एक भी नहीं

मुलायम सिंह यादव का फाइल चित्र

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत एक गांव को गोद लिया है, लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि मुस्लिम आबादी रहित गांवों को गोद लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य बीजेपी सांसदों पर तंज कसने वाली पार्टी के नायक ने जो गांव गोद लिया है, उसमें 80 फीसदी से ज़्यादा आबादी उन्हीं की बिरादरी की है, और इस गांव में भी कोई मुसलमान नहीं है।

मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में बसे तमौली गांव को गोद लिया है, जिसमें 80 फीसदी आबादी यादवों की हैं, कुछ लोग दूसरी पिछड़ी जातियों के भी हैं, और दो घर सवर्णों के भी, लेकिन पूरे गांव में एक भी मुसलमान नहीं बसता।

मज़ेदार बात यह है कि हाल ही में मुलायम के सिपहसालार और यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने बिना मुस्लिम आबादी वाला गांव गोद लेने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था, "जब बादशाह का दिल छोटा हो, तो देश कहां बड़ा होगा... बादशाह की मानसिकता छोटी हो जाए, तो देश कैसे खुशहाल रहेगा..." यूं तो आज़म खान ने यह डायलॉग मोदी के लिए बोला था, लेकिन अब विडंबना देखिए, कि यह चिपक गया मुलायम सिंह यादव के गोद लिए गांव पर।

तमौली गांव निकटतम शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है, और यहां ज़्यादातर लोग दूध का कारोबार या खेती करते हैं। वैसे, गांव के लोगों को नेताजी से काफी उम्मीदे हैं, और प्रधान रामलखन यादव कहते हैं, "हम चाहते हैं कि नेताजी ने जिस तरह सैफई को बनाया, वह हमारे गांव को भी बना दें..."

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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत ज्यादातर बीजेपी सांसदों ने इस योजना के तहत ऐसे गांव गोद लिए हैं, जहां मुस्लिम आबादी नगण्य है। उमा भारती, कलराज मिश्र, योगी आदित्यनाथ, संजीव बालियान और यहां तक की पार्टी के मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा गोद लिए गांवों में मुस्लिम आबादी नहीं है। राजनाथ सिंह और वरुण गांधी के गोद लिए गावों में मुस्लिम आबादी आधा फीसदी से कम है।