केंद्र में सरकार बदलने के साथ ही वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को भारत के नए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील रोहतगी ने कहा कि सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के पद की पेशकश उन्हें की गई है और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी ओर से हामी भर दी है, लेकिन उसकी औपचारिक घोषणा होनी है।'
रोहतगी वर्तमान अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती का स्थान लेंगे। वह देश के 14वें अटॉर्नी जनरल बनेंगे। उन्होंने कहा कि पदभार संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता 'सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं को व्यवस्थित करना' होगी।
उन्होंने कहा, 'मैं सुनिश्चित करूंगा कि उच्च अदालतें बेकार के मुकदमों से भरी न रहें।' उन्होंने कहा कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि सरकार अंतर-मंत्रालयी याचिकाओं में न उलझी रहे।
पिछली एनडीए सरकार में अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के पद पर रह चुके मुकुल रोहतगी का कहना है, 'मैं यह सुनिश्चित करूंगा और प्रयास करूंगा कि विभिन्न सरकारी विभाग आपस में ही याचिकाएं दायर करने में न उलझें।'
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अवध बिहारी रोहतगी के बेटे मुकुल रोहतगी ने 2002 के गुजरात दंगों और बेस्ट बेकरी और जाहिरा शेख कांड सहित फर्जी मुठभेड़ हत्या कांड मामलों में सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की पैरवी की है। बेहद जानेमाने कॉरपोरेट वकील रोहतगी ने अंबानी बंधुओं के बीच गैस को लेकर हुए विवाद में सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी के मुकदमे की पैरवी की थी। वहीं केरल तट पर 2012 में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीन पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे में रोहतगी इटली के दूतावास के वकील हैं। इनके अलावा रोहतगी 2जी घोटाला सुनवायी के मामले में कई बड़े कॉरपोरेट घरानों की ओर से पेश हो रहे हैं।
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