नकदी संकट से जूझ रही एयर इंडिया ने खासकर उन उड़ानों में, जहां सभी उच्च दर्जें की सीटें पहले ही बुक हो चुकी हैं, सांसदों की सीटें अपग्रेड कर उन्हें बिजनेस क्लास में ले जाने या सांसदों के अतिरिक्त सामानों को मुफ्त ढोने में असमर्थता जाहिर की है।
सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया को सीटें अपग्रेड करने को लेकर सांसदों से बड़ी तादाद में अनुरोध पत्र प्राप्त होते हैं। कंपनी ने संसद को जानकारी दी है कि ज्यादातर मामलों में इस तरह के अनुरोधों को पूरा नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब यात्रियों द्वारा बिजनेस क्लास की सीटें पहले ही बुक करा दी गई हों।
एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के लिए बेड़े में मुख्य रूप से एयरबस ए-319 जैसे अपेक्षाकृत छोटे विमान हैं, जिनमें बिजनेस क्लास की आठ सीटें ही होती हैं, जबकि ए-320 और ए-321 में इस तरह की 20 सीटें होती हैं।
कंपनी ने बताया कि बजट एयरलाइनों से प्रतिस्पर्धा के लिए इनमें से कई विमानों का ढांचा बदलकर उन्हें पूरी तरह से इकोनामी क्लास की सीटों वाले विमान में तब्दील किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने कारोबारी गोपनीयता बनाए रखने के लिए संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों के जवाब में वाणिज्यिक व परिचालन संबंधी निर्णयों से जुड़ी संवेदनशील सूचना नहीं देने का भी निर्णय किया है।
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