अधिकारी तय समय सीमा से तीन दिन अधिक रहने के बाद कार्रवाई कर सकते हैं...
नई दिल्ली:
सांसद, विशिष्ट हस्तियां तथा नौकरशाह अब अपने सरकारी बंगलों में तय समयसीमा से अधिक समय तक नहीं रह सकेंगे. उनसे सरकारी बंगलों को आसानी से खाली कराने के लिए लोकसभा में आज एक विधेयक पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में 'सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अभिभोगियों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2017 ' को पेश किया . ऐसा देखा गया है कि मौजूदा कानून का दुरुपयोग करके कुछ अनाधिकृत कब्जाधारी इन बंगलों और मकानों में जमे रहते थे और बार बार सरकार की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन बंगलों को खाली कराना आसान नहीं होता था.
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यह विधेयक संपदा अधिकारियों को लोगों को इन आवासों से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू करवाने की शक्तियां प्रदान करता है. अधिकारी तय समय सीमा से तीन दिन अधिक रहने के बाद कार्रवाई कर सकते हैं. ऐसे कब्जाधारियों को उच्च न्यायालय में बेदखली आदेश को चुनौती देने और स्थगन आदेश लेने से हतोत्साहित करने के लिए विधेयक कहता है कि उन्हें तय सीमा के बाद हर महीने बंगले या आवास की टूटफूट के लिए भुगतान करना होगा.
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विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि संशोधन के बाद अवैध कब्जाधारियों को इन संपदाओं से हटाना आसान और त्वरित होगा. मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है और कई बार तो इसमें सालों का समय लग जाता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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