भोपाल:
मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी में गले तक डूबकर लोग सत्याग्रह कर रहे हैं। 11 दिनों से आंदोलन कर रहे इन लोगों की मांग है कि इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के पास इनकी जो जमीन डूबने वाले इलाके में आती है उसके बदले इन्हें जमीन और मुआवजा मिले।
घोघल गांव में जल सत्याग्रह कर रहे 51 लोगों की नाक तक पानी आ गया है, लेकिन नर्मदा बचाओ आंदोलन के इन कार्यकर्ताओं ने अपने हक की लड़ाई नहीं छोड़ी है। पिछले 11 दिनों से लगातार पानी में खड़े इन लोगों की चमड़ी भी खराब होने लगी है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। आंदोलनकारी कहते हैं कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती वे यूं ही पानी में खड़े रहेंगे।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने सरकार से कहा है कि वे बांध के पानी को इतना न बढ़ाए कि किसी की जान को खतरा हो और आगाह किया है कि अगर किसी की जान गई तो आयोग जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
घोघल गांव में जल सत्याग्रह कर रहे 51 लोगों की नाक तक पानी आ गया है, लेकिन नर्मदा बचाओ आंदोलन के इन कार्यकर्ताओं ने अपने हक की लड़ाई नहीं छोड़ी है। पिछले 11 दिनों से लगातार पानी में खड़े इन लोगों की चमड़ी भी खराब होने लगी है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। आंदोलनकारी कहते हैं कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती वे यूं ही पानी में खड़े रहेंगे।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने सरकार से कहा है कि वे बांध के पानी को इतना न बढ़ाए कि किसी की जान को खतरा हो और आगाह किया है कि अगर किसी की जान गई तो आयोग जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
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