मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों में से 13 को नोटिस जारी किया है. उन्हें शुक्रवार और शनिवार को उनके सामने पेश होने को कहा गया है. विधानसभा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एपी सिंह ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि विधायकों से उपस्थित होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने इस्तीफा स्वेच्छा से दिया है या किसी दबाव के कारण दिया है.
दिल्ली में 'ऑपरेशन मध्य प्रदेश' की देख-रेख कर रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को पूरा भरोसा है कि राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अब चंद दिनों की मेहमान है. BJP के इन नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के बागी विधायकों की संख्या 22 से बढ़कर जल्द ही 26 हो जाएगी.
गौरतलब है, कुछ दिन पहले तक मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों में से दो कांग्रेस और एक BJP के खाते में जाना तय माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की बग़ावत ने कांग्रेस के सारे समीकरण गड़बड़ा दिए हैं. गुरुवार को कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह ने पर्चा भरा है, जबकि BJP ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. BJP नेताओं का दावा है कि दोनों उम्मीदवारों को आसानी से जीत मिलेगी, जिसमें बागी विधायक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
BJP नेताओं का यह भी कहना है कि कमलनाथ सरकार अब अल्पमत में आ चुकी है, इसलिए 16 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण अथवा बजट का कोई अर्थ नहीं बचा है. इनके मुताबिक, अब विधानसभा सत्र का एक ही एजेंडा होना चाहिए कि या कमलनाथ सरकार विश्वासमत हासिल करे या इस्तीफा दे.
BJP के रणनीतिकारों के मुताबिक सभी 22 बागी विधायक जल्द ही भोपाल आकर स्पीकर से मिलकर व्यक्तिगत रूप से त्यागपत्र की सूचना दे सकते हैं. अगर स्पीकर इन त्यागपत्रों पर जल्द फैसला नहीं करते हैं, तो BJP राज्यपाल से मामले में दखल देने का अनुरोध करेगी.
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