मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. देश में जारी कोरोना संकट के बीच शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने मंगलवार को पांच मंत्रियों को कैबिनेट में स्थान दिया था. नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, मीना सिंह, गोविंद राजपूत और कमल पटेल को शपथ दिलाई गई थी. इन मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. गृह और स्वास्थ्य जैसा अहम विभाग नरोत्तम मिश्रा को दिया गया है जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपहसालार और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए तुलसी सिलावट को जल संसाधन मंत्रालय सौंपा गया है.
कमल पटेल को कृषि विभाग की जिम्मेदारी मिली है जबकि मीना सिंह को आदिम जाति कल्याण विभाग मिला है. ज्योतिरादित्य खेमे के गोविंद सिंह राजपूत को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों से साधने की पूरी कोशिश की गई है. बीजेपी से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर चंबल संभाग और सवर्ण वर्ग से आते हैं, मीना सिंह आदिवासी बहुल इलाके उमरिया जिले के मानपुर से विधायक हैं, एक वक्त पर बगावती तेवर अपना चुके कमल पटेल हरदा से विधायक हैं वे ओबीसी वर्ग से आते हैं. इसी तरह सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं, वे मालवा के अनुसूचित जाति के बड़े नेता हैं. गोविंद सिंह राजपूत बुंदेलखंड से आते हैं पिछली सरकार में उनके पास परिवहन और राजस्व का जिम्मा था.
हालांकि मंगलवार को हुए पहले चरण के मंत्रिमंडल गठन में शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री और बुंदेलखंड क्षेत्र के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव को स्थान नहीं मिलना सबको चौंका गया. राज्य में सबसे वरिष्ठ विधायक और लगातार 15 साल मंत्री रहे गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. वे कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष पद संभाल रहे थे.
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