
मध्य प्रदेश : 12 घंटे में 12 खुदकुशी
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12 घंटे में 12 ख़ुदकुशी हुई
सरकार की स्कीम- रुक जाना नहीं
स्कीम में भी रहीं कई खामियां
इसके तहत वे ओपन बोर्ड से परीक्षा देकर पास हो सकते हैं, लेकिन ये नहीं बताया कि पिछले साल 60 हज़ार बच्चों को नतीजे के लिए नवंबर तक इंतज़ार करना पड़ा जिससे उनका पूरा साल ही ख़राब हो गया. मध्यप्रदेश की जो सरकार बीते पांच महीने में 3000 किलोमीटर नर्मदा की परिक्रमा कर आई वह मंत्रालय से डेढ़ किलोमीटर दूर शिक्षा विभाग से वह फाइल नहीं मंगा पाई जिसमें छात्रों के बीच आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने से जुड़ी रिपोर्ट मार्च से धूल खा रही है.
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की इस साल ली गई 10वीं एवं 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम कल घोषित होने के कुछ ही घंटों के भीतर रिजल्ट से निराश सगे भाई-बहन सहित 12 विद्यार्थियों ने प्रदेश के अलग-अलग शहरों में कथित रूप से आत्महत्या कर ली है। इनमें छह छात्राएं हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा परिणामों से निराश होकर प्रदेश भर में कल 12वीं के आठ विद्यार्थियों ने खुदकुशी की, जबकि 10वीं के चार विद्यार्थियों ने अपनी जान दे दीय
पुलिस प्रवक्ता एवं फॉरेन्सिक अधिकारी डॉ जेएस यादव ने बताया कि सतना जिले में सगे भाई-बहन सहित तीन विद्यार्थियों ने परीक्षा में फेल होने पर आत्महत्या कर ली है. यादव ने बताया कि कोलगवां थाना क्षेत्र के खमरिया पयसियान निवासी रामसुमन पाण्डेय की 18 वर्षीय बेटी रश्मि पाण्डेय ने 12वीं की परीक्षा में और 15 वर्षीय बेटे दीपेन्द्र ने 10वीं परीक्षा में फेल होने पर अपने ही कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. इसी प्रकार सिंहपुर पुलिस थाना के पुरवा गांव में 12वीं की छात्रा रीना सिंह ने एक विषय में सप्लीमेन्ट्री आने पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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