मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों बच्चियों की हरसंभव सहायता का वादा किया है
बुलंदशहर / लखनऊ:
यूपी के बुलंदशहर में दो महीने पहले 15 साल की लतिका और उसकी छोटी बहन तान्या की आंखों के सामने उनके पिता ने उनकी मां को जिंदा जलाकर मार डाला था. हैवान बाप ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि महिला बेटे को जन्म नहीं दे सकी थी.
तीन दिन पहले लतिका ने अपने खून से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक चिट्ठी लिखी थी. उसने एनडीटीवी से कहा- जब मैंने अपनी अंगुली काटी तो बहुत दर्द हुआ, लेकिन यह उस दर्द के मुकाबले कुछ भी नहीं था, जो मेरी मां ने आग में झुलसते हुए दम तोड़ने के दौरान सहा. उस खौफनाक हादसे के बाद से ये दोनों बहनें अपने मामा के यहां रहने लगीं. शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन बहनों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
14 जून को अनु बंसल को उनके पति समेत ससुराल के 8 लोगों ने कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया था. छह दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. महिला की दोनों बेटियों का कहना है कि उनकी मां को बेटा न होने के चलते सालों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा था.
जांच में कई मोड़ आए. पहले इसे हत्या का मामला बताया गया, लेकिन बाद में इसे खुदकुशी का केस करार दिया गया. दोनों बहनों का कहना है कि उन्होंने तय किया कि वे मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाएंगी. लतिका ने अखिलेश यादव को चिट्ठियां लिखीं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. लतिका ने कहा, मैंने सोचा कि स्याही से लिखी मेरी चिट्ठियों को सीएम ने नहीं पढ़ा, तो यदि मैं खून से खत लिखूं, तो शायद उनका ध्यान इस ओर जाए.
पुलिस ने लतिका के पिता मनोज को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. बाकी 7 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप हटा लिए गए. लतिका के मामा तरुण का कहना है कि मनोज की गिरफ्तारी दबाव में की गई. उसके परिवार के बाकी लोग गायब हैं.
बुलंदशहर के पुलिस प्रमुख अनीश अंसारी ने कहा, हम (जांच में) कमियों की पड़ताल करेंगे. अंसारी ने सीएम के आदेश के बाद शुक्रवार को लतिका से मुलाकात की थी.
11वीं की छात्रा लतिका का कहना है कि वह पढ़-लिखकर पुलिस अफसर बनना चाहती है और सिस्टम में सुधार लाना चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार दोनों बहनों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाएगी.
तीन दिन पहले लतिका ने अपने खून से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक चिट्ठी लिखी थी. उसने एनडीटीवी से कहा- जब मैंने अपनी अंगुली काटी तो बहुत दर्द हुआ, लेकिन यह उस दर्द के मुकाबले कुछ भी नहीं था, जो मेरी मां ने आग में झुलसते हुए दम तोड़ने के दौरान सहा. उस खौफनाक हादसे के बाद से ये दोनों बहनें अपने मामा के यहां रहने लगीं. शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन बहनों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
14 जून को अनु बंसल को उनके पति समेत ससुराल के 8 लोगों ने कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया था. छह दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. महिला की दोनों बेटियों का कहना है कि उनकी मां को बेटा न होने के चलते सालों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा था.
जांच में कई मोड़ आए. पहले इसे हत्या का मामला बताया गया, लेकिन बाद में इसे खुदकुशी का केस करार दिया गया. दोनों बहनों का कहना है कि उन्होंने तय किया कि वे मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाएंगी. लतिका ने अखिलेश यादव को चिट्ठियां लिखीं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. लतिका ने कहा, मैंने सोचा कि स्याही से लिखी मेरी चिट्ठियों को सीएम ने नहीं पढ़ा, तो यदि मैं खून से खत लिखूं, तो शायद उनका ध्यान इस ओर जाए.
पुलिस ने लतिका के पिता मनोज को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. बाकी 7 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप हटा लिए गए. लतिका के मामा तरुण का कहना है कि मनोज की गिरफ्तारी दबाव में की गई. उसके परिवार के बाकी लोग गायब हैं.
बुलंदशहर के पुलिस प्रमुख अनीश अंसारी ने कहा, हम (जांच में) कमियों की पड़ताल करेंगे. अंसारी ने सीएम के आदेश के बाद शुक्रवार को लतिका से मुलाकात की थी.
11वीं की छात्रा लतिका का कहना है कि वह पढ़-लिखकर पुलिस अफसर बनना चाहती है और सिस्टम में सुधार लाना चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार दोनों बहनों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाएगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बुलंदशहर, लतिका, महिला को जिंदा जलाया, हत्यारा पिता, अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश, बुलंदशहर की बहनें, Bulandshahr Murder, Bulandshahr Mother Set On Fire, Akhilesh Yadav, Latika