यह ख़बर 13 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आंध्र में 'फिलिन' बुनियादी ढांचे को क्षति, फसल बर्बाद

भुवनेश्वर:

देश के पूर्वी तट पर शनिवार की रात पहुंचे चक्रवाती तूफान फिलिन ने आंध्र प्रदेश में जहां बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया वहीं फसलें तबाह हो गई। सबसे ज्यादा असर राज्य के श्रीकाकुलम में पड़ा है। तूफान से हालांकि व्यापक जनहानि नहीं हुई है, बल्कि एक व्यक्ति के मारे जाने की जानकारी मिली है।

उत्तरी तटीय आंध्र के प्रभावित इलाके में राहत का काम तेजी से चल रहा है। बिजली, संचार और सड़क एवं रेल यातायात को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी है। तूफान से विजयनगरम और विशाखापट्टनम जिले करीब-करीब बचे रहे हैं।

ओडिशा के तट पर 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पहुंचा चक्रवाती तूफान फिलिन अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लाया है। ओडिशा की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के जिलों में भी यह तबाही के निशान छोड़ गया है। विजयनगरम जिले में चक्रवात का आंशिक असर पड़ा है जबकि विशाखापत्तनम जिला प्रकृतिक प्रकोप से बचा रहा।

आपदा प्रबंधन आयुक्त टी. राधा ने बताया कि कहा कि श्रीकाकुलम जिले में एक दीवार तले दबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक करीब 70 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

करीब 7115 हेक्टेयर में खड़ी धान, जबकि 100 से ज्यादा हेक्टेयर में मक्के की फसल डूब गई है। 100 एकड़ ज्यादा गन्न की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। 3,219 हेक्टेयर में नारियल की फसल भी तेज हवा की भेंट चढ़ गई।

रविवार की सुबह से तूफान कमजोर पड़ने लगा, जिससे उत्तरी तटीय आंध्र के लोगों को राहत हुई। धीरे-धीरे बारिश और हवा की रफ्तार भी कम होती गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आंध्र प्रदेश के लिए जारी अपनी चेतावनी अब वापस ले ली है।

आईएमडी के मुताबिक, तूफान की यह स्थिति ओडिशा में फूलबनी के करीब केंद्रित है। यह उत्तर की ओर बढ़ेगा और रविवार शाम तक धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा।
   
तेज हवाओं के चलते बिजली के खंभे गिर जाने से रविवार को जिले में बिजली नहीं आई। सड़कों पर पेड़ों के गिर जाने से ओडिशा को श्रीकाकुलम से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन फंसे रहे। कई जगह रेलवे लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आयुक्त ने बताया कि श्रीकाकुलम जिले में बिजली आपूर्ति बहाल होने में दो दिन लग सकते हैं।

जिला अधिकारियों को भारी वर्षा के बाद बाढ़ के खतरे को लेकर हालांकि चौकसी बरतने के लिए कहा गया है। वामसाधरा और नागवलि नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान और वर्षा की चेतावनी दी है।

श्रीकाकुलम जिले में शनिवार से ही भारी बारिश दर्ज की गई है। इच्छापुरम में 19.8 सेमी, कवेती में 15.4 सेमी, कोथाहाली में 14.7 सेमी, सोमपेटा में 10.7 सेमी और कोथाबोम्मली में 10.8 सेमी वर्ष दर्ज की गई है।

राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) दल और जिला प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत मुहैया कराने के लिए सक्रिय हो गया है। हर दल में 40 सदस्यों वाली एनडीआरएफ की 19 टीमें राहत कार्यों के लिए तैनात की गई हैं।

नौका व अन्य सभी जरूरी उपकरणों से लैस इंजीनियरों, संचार विशेषज्ञों और चिकित्सा टीम सहित 500 से ज्यादा सैन्यकर्मी भी तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने रविवार को हैदराबाद में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापट्टणम जिलों के 294 गावों से 1.29 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने कहा कि लोगों को 115 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। अकेले श्रीकाकुलम जिले में 85000 लोगों को 56 शिविरों में ले जाया गया है।

श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में राहत शिविरों में 1.20 लाख भोजन के पैकेट और 4.30 लाख पानी के पैकेट बांटे गए हैं। चूंकि विशाखापट्टणम जिले में तूफान का कोई असर नहीं पड़ा है इसलिए जिले के 16 कैंपों में ठहराए गए 24000 लोग रविवार को अपने घरों को लौट गए।

राज्य सरकार ने सभी नौ तटवर्ती जिलों में राहत एवं बचाव करार्यो की निगरानी के लिए विशेष अधिकारियों को तैनात किया था। तूफान प्रभावित श्रीकाकुलम जिले से अन्य अधिकारी राजधानी लौट रहे हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य आपदा कार्रवाई कोष के तहत केंद्र सरकार से तत्काल राहत के लिए 220.89 करोड़ रुपये मिले।

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