एक नए सर्वे के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और NCR के चालीस प्रतिशत से अधिक निवासी शहर छोड़ कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि सोलह प्रतिशत निवासियों ने इस दौरान शहर से बाहर घूमने की इच्छा प्रकट की. दिल्ली और एनसीआर के 17 हजार निवासियों पर किए गए सर्वेक्षण में यह सामने आया कि 13 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि उनके पास प्रदूषण को झेलने के अतिरिक्त और कोई चारा नहीं है. ऑनलाइन संस्था 'लोकल सर्कल' द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 40 प्रतिशत लोग दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र छोड़कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि 31 प्रतिशत निवासी यहीं रहकर प्रदूषण से बचाव के उपाय (मास्क,पौधे इत्यादि) अपनाना चाहते हैं.
सर्वेक्षण में पाया गया कि 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे स्थायी तौर पर दिल्ली में ही निवास करेंगे लेकिन प्रदूषण अधिक होने के दौरान कहीं बाहर घूमना चाहेंगे. जबकि 13 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके पास प्रदूषण को झेलने के अलावा कोई चारा नहीं है. निवासियों से पूछे जाने पर तेरह प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार के एक या एक से अधिक सदस्य अस्पताल गया था जबकि 29 प्रतिशत लोगों की प्रतिक्रिया थी कि उन्होंने डॉक्टर को दिखाया है. सर्वेक्षण के अनुसार 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं लेकिन उन्होंने किसी डॉक्टर या अस्पताल में जांच नहीं करवाई है.
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केवल चौदह प्रतिशत निवासियों का मानना है कि प्रदूषण से उनकी सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. रविवार की सुबह हल्की बारिश होने के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' रहा. पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली में शुक्रवार को जन स्वास्थ्य आपदा घोषित कर दी थी जिसके बाद राज्य सरकार ने स्कूल बंद करने के आदेश दिए थे. ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. वाहनों को लेकर दिल्ली सरकार की सम विषम योजना सोमवार से लागू होगी.
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