सर्वदलीय बैठक
नई दिल्ली:
मंगलवार से शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राजनीतिक दलों से अपील की कि वे संसद के समय का उपयोग सभी मुद्दों पर चर्चा करने में करें। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों सदनों की कार्यवाही चलाना सभी की साझी जिम्मेदारी है, साथ ही उन्होंने विवादित भूमि विधेयक को आगे बढ़ाने में सभी से सहयोग भी मांगा।
संसद सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी दलों ने आग्रह किया कि वे देशहित को ध्यान में रखते हुए पिछले सत्र में चर्चा किए गए मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ें।
संसद में भूमि विधेयक, जीएसटी विधेयक और रियल इस्टेट विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के लंबित होने के बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से इसे जल्द से जल्द पारित कराने में सहयोग मांगा।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके 13 अगस्त को समाप्त होने की संभावना है।
कांग्रेस और दलों ने सत्र के हंगामेदार होने के संकेत दिए है। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल ललित मोदी प्रकरण में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे का नाम जुड़ने के कारण इन्हें हटाये जाने और व्यापमं घोटाले के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए पहल करनी होगी लेकिन यह जिम्मेदारी सभी को उठानी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह समय आगे बढ़ने का है। हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा। देशहित सर्वोपरि है। पिछले सत्र में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।’’
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह समय है कि हमें सभी पक्षों की राय को समाहित करते हुए भूमि विधेयक के मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए। हमें इस मुद्दे पर सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना चाहिए।’’
मोदी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र छोटा है और इसलिए इस समय का सदुपयोग महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में किये जाने की जरूरत है और सरकार इसके लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई ऐसे बाह्य मंच है जहां विभिन्न मुद्दों पर सघन चर्चा की गई है। मानसून सत्र छोटा है, इसलिए संसद के समय का सदुपयोग चर्चा करने में किया जाना चाहिए जो प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हों।’’
प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि संसद का काफी महत्व है और इसका सदुपयोग सभी मुद्दों पर चर्चा करने में किया जाना चाहिए और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, जदयू, सपा, बसपा, राजद, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और वामदलों के अलावा राजग के विभिन्न सहयोगी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं आया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने कल सुषमा, वसुंधरा और शिवराज को हटाने की ‘न्यूनतम कार्रवाई’ करने की मांग करते हुए संसद में सुचारू रूप से कामकाज चलाने की जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी थी। वहीं भाजपा ने कांग्रेस एवं विपक्ष के संभावित प्रहारों का पुरजोर तरीके से जवाब देने का निर्णय किया है जिससे संसद सत्र के हंगामेदार होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार पर निशाना साधते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि संसद में कामकाज सुचारू रूप से चलाना और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना भाजपा के लिए तब आसान हो जायेगा अगर वह इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती है और इससे भाजना को अपनी छवि सुधारने में भी मदद मिलेगी जो इन कथित घोटालों के कारण प्रभावित हुई है।
संसद सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी दलों ने आग्रह किया कि वे देशहित को ध्यान में रखते हुए पिछले सत्र में चर्चा किए गए मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ें।
संसद में भूमि विधेयक, जीएसटी विधेयक और रियल इस्टेट विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के लंबित होने के बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से इसे जल्द से जल्द पारित कराने में सहयोग मांगा।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके 13 अगस्त को समाप्त होने की संभावना है।
कांग्रेस और दलों ने सत्र के हंगामेदार होने के संकेत दिए है। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल ललित मोदी प्रकरण में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे का नाम जुड़ने के कारण इन्हें हटाये जाने और व्यापमं घोटाले के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए पहल करनी होगी लेकिन यह जिम्मेदारी सभी को उठानी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह समय आगे बढ़ने का है। हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा। देशहित सर्वोपरि है। पिछले सत्र में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।’’
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह समय है कि हमें सभी पक्षों की राय को समाहित करते हुए भूमि विधेयक के मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए। हमें इस मुद्दे पर सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना चाहिए।’’
मोदी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र छोटा है और इसलिए इस समय का सदुपयोग महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में किये जाने की जरूरत है और सरकार इसके लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई ऐसे बाह्य मंच है जहां विभिन्न मुद्दों पर सघन चर्चा की गई है। मानसून सत्र छोटा है, इसलिए संसद के समय का सदुपयोग चर्चा करने में किया जाना चाहिए जो प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हों।’’
प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि संसद का काफी महत्व है और इसका सदुपयोग सभी मुद्दों पर चर्चा करने में किया जाना चाहिए और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, जदयू, सपा, बसपा, राजद, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और वामदलों के अलावा राजग के विभिन्न सहयोगी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं आया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने कल सुषमा, वसुंधरा और शिवराज को हटाने की ‘न्यूनतम कार्रवाई’ करने की मांग करते हुए संसद में सुचारू रूप से कामकाज चलाने की जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी थी। वहीं भाजपा ने कांग्रेस एवं विपक्ष के संभावित प्रहारों का पुरजोर तरीके से जवाब देने का निर्णय किया है जिससे संसद सत्र के हंगामेदार होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार पर निशाना साधते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि संसद में कामकाज सुचारू रूप से चलाना और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना भाजपा के लिए तब आसान हो जायेगा अगर वह इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती है और इससे भाजना को अपनी छवि सुधारने में भी मदद मिलेगी जो इन कथित घोटालों के कारण प्रभावित हुई है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मॉनसून सत्र, नरेंद्र मोदी सरकार, सर्वदलीय बैठक, वेंकैया नायडू, सुमित्रा महाजन, लोकसभा अध्यक्ष, Monsoon Session, Narendra Modi Government, All Party Meeting, Venkaiah Naidu, Sumitra Mahajan, Lok Sabha Speaker