तिरूवनंतपुरम/नई दिल्ली:
दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को केरल पहुंच गया। इसमें हालांकि चार दिन की देरी हुई है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है। कृषि के लिहाज से यह मानसून बेहद महत्वपूर्ण है।
केरल के कई हिस्सों में हालांकि पिछले कई दिनों से हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को ही इसकी घोषणा की।
केरल के कोट्टायाम, अलापुझा, एर्नाकुलम और कसरगोडे में भारी वर्षा हुई। लेकिन दक्षिणी जिलों, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में मौसम शुष्क ही रहा।
देश में होने वाली वर्षा में मानसून की भागीदारी करीब 80 प्रतिशत की होती है। इसमें थोड़ी भी देरी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, क्योंकि देश में जिन फसलों से कृषि उत्पाद निकलता है, उनमें से करीब आधे की बुआई और रोपाई जून-सितम्बर के बीच होती है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने दिल्ली में बताया कि देश के अन्य हिस्सों में भी तेजी से और निर्धारित समय से पहले मानसून आने की सम्भावना है।
कर्नाटक में अगले कुछ दिनों में मानसून आ सकता है।
केरल में मानसून आमतौर पर एक जून को आ जाता है। पिछले साल राज्य में 29 मई को ही मानसून आ गया था। इस बार मानसून चार दिन की देरी से आया है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। इसका खरीफ फसलों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
वहीं, कृषि वैज्ञानिक देविंदर शर्मा ने मानसून के दौरान बारिश की मात्रा को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा, "मानसून में एक या दो दिन की देरी से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात जून व जुलाई के महीनों में मानसून की मात्रा है, क्योंकि इसी दौरान खरीफ फसल की रोपाई होती है।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में मानसून सही समय पर आया है, लेकिन राजस्थान, गुजरात तथा बिहार में बड़ी मात्रा में बारिश नहीं हुई, जिसके कारण फसलों को नुकसान हुआ।
शर्मा ने कहा, "मैं मानसून की मात्रा को लेकर चिंतित हूं, क्योंकि हमारी आधी फसल का उत्पादन दक्षिण-पश्चिमी मानसून पर निर्भर है।"
केरल में मानसून के दस्तक देने के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी मंगलवार को कई इलाकों में बारिश हुई। इसकी वजह हालांकि मानसून नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से वातावरण में व्याप्त नमी रही।
दिल्ली में मंगलवार दोपहर हल्की बारिश होने और हवाएं चलने से मौसम खुशगवार हो गया, जिससे लोगों को पिछले कई दिनों की भीषण गर्मी से राहत मिली।
मौसम विभाग के अनुसार, "पिछले करीब दो दिनों से वातावरण में बहुत नमी थी, जिसके कारण हल्की बारिश हुई।"
जहां तक दिल्ली में मानसून की बात है तो यह आम तौर पर जून मध्य में आता है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, इस बारे में कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि देश की राजधानी को बारिश की फुहारें कब भिगोएंगी।
मौसम विभाग के निदेशक बीपी यादव ने मीडिया से कहा, "हम देश के अन्य हिस्सों में मानसून की सक्रियता के आकलन के बाद इस महीने के आखिर में ही मानसून की कोई विशेष तिथि बता सकते हैं।"
केरल के कई हिस्सों में हालांकि पिछले कई दिनों से हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को ही इसकी घोषणा की।
केरल के कोट्टायाम, अलापुझा, एर्नाकुलम और कसरगोडे में भारी वर्षा हुई। लेकिन दक्षिणी जिलों, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में मौसम शुष्क ही रहा।
देश में होने वाली वर्षा में मानसून की भागीदारी करीब 80 प्रतिशत की होती है। इसमें थोड़ी भी देरी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, क्योंकि देश में जिन फसलों से कृषि उत्पाद निकलता है, उनमें से करीब आधे की बुआई और रोपाई जून-सितम्बर के बीच होती है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने दिल्ली में बताया कि देश के अन्य हिस्सों में भी तेजी से और निर्धारित समय से पहले मानसून आने की सम्भावना है।
कर्नाटक में अगले कुछ दिनों में मानसून आ सकता है।
केरल में मानसून आमतौर पर एक जून को आ जाता है। पिछले साल राज्य में 29 मई को ही मानसून आ गया था। इस बार मानसून चार दिन की देरी से आया है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। इसका खरीफ फसलों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
वहीं, कृषि वैज्ञानिक देविंदर शर्मा ने मानसून के दौरान बारिश की मात्रा को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा, "मानसून में एक या दो दिन की देरी से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात जून व जुलाई के महीनों में मानसून की मात्रा है, क्योंकि इसी दौरान खरीफ फसल की रोपाई होती है।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में मानसून सही समय पर आया है, लेकिन राजस्थान, गुजरात तथा बिहार में बड़ी मात्रा में बारिश नहीं हुई, जिसके कारण फसलों को नुकसान हुआ।
शर्मा ने कहा, "मैं मानसून की मात्रा को लेकर चिंतित हूं, क्योंकि हमारी आधी फसल का उत्पादन दक्षिण-पश्चिमी मानसून पर निर्भर है।"
केरल में मानसून के दस्तक देने के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी मंगलवार को कई इलाकों में बारिश हुई। इसकी वजह हालांकि मानसून नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से वातावरण में व्याप्त नमी रही।
दिल्ली में मंगलवार दोपहर हल्की बारिश होने और हवाएं चलने से मौसम खुशगवार हो गया, जिससे लोगों को पिछले कई दिनों की भीषण गर्मी से राहत मिली।
मौसम विभाग के अनुसार, "पिछले करीब दो दिनों से वातावरण में बहुत नमी थी, जिसके कारण हल्की बारिश हुई।"
जहां तक दिल्ली में मानसून की बात है तो यह आम तौर पर जून मध्य में आता है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, इस बारे में कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि देश की राजधानी को बारिश की फुहारें कब भिगोएंगी।
मौसम विभाग के निदेशक बीपी यादव ने मीडिया से कहा, "हम देश के अन्य हिस्सों में मानसून की सक्रियता के आकलन के बाद इस महीने के आखिर में ही मानसून की कोई विशेष तिथि बता सकते हैं।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं