राजधानी में एक बस के भीतर 23 वर्षीय लड़की के साथ हुई बलात्कार की घटना के बाद हो रहे हंगामे के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों के निपटारे के लिए पांच विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करने का निर्णय लिया है।
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मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कल ही दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी मुरूगेसन से जल्दी ही पांच फास्ट ट्रैक अदालतें शुरू करने का अनुरोध किया था।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने आज दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर अदालत द्वारा उसकी सिफारिश मंजूर करने की बात सूचित कर दी है।
शीला ने न्यायमूर्ति मुरुगेसन को पत्र लिखकर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों को जल्दी शुरू करने का अनुरोध किया था ताकि पीड़ितों को न्याय और दोषियों को सजा मिल सके।
दिल्ली मंत्रिमंडल ने अक्टूबर में ही इन अदालतों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और बाद में इस निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत करा दिया था ताकि अदालतों को शुरू किया जा सके।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति मुरुगेसन को सलाह दी थी कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों में लिप्त लोगों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
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