जमीयत उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी (फाइल फोटो)
लखनऊ:
जमीयत उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की पाकिस्तान यात्रा को ‘हर लिहाज से सराहनीय’ बताते हुए कहा कि अगर ऐसी कोशिशें जारी रहें तो भारत को फायदा होगा।
पूर्व राज्यसभा सदस्य मदनी ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा, ‘हम सभी उम्मीद करते हैं कि हिन्दुस्तान पूरी दुनिया की अगुवाई करे। पड़ोसियों के साथ झगड़े और मनमुटाव इसके रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट हैं। इन बाधाओं को खत्म करने की किसी भी कोशिश का हमें समर्थन करना चाहिये।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अचानक मुलाकात करने जाना हर लिहाज से सराहनीय कोशिश है। अगर इसे जारी रखा जाए तो इससे मुल्क का ही फायदा होगा। पड़ोसियों से रिश्ते अच्छे होने से माहौल बेहतर होगा और विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के लिये आगे आएंगे, लेकिन अगर हालात ठीक नहीं होंगे तो निवेशक ठिठक जाएंगे।’
यह पूछे जाने पर कि क्या केन्द्र की मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, मदनी ने कहा, ‘दाल के दामों और महंगाई में कमी आ जाए तो कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल तो ऐसा कुछ हुआ नहीं है। वैसे, मोदी सरकार ज्यादा मोर्चों पर नाकाम ही है।’ खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान के बारे में धर्मगुरु ने कहा कि यह सिलसिला कतई ठीक नहीं है। इसे रोकने के लिये अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना बनायी जानी चाहिये।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी को जनसभा आयोजन की अनुमति नहीं दिये जाने के सवाल पर मदनी ने कहा कि वह ओवैसी की लहजे और सोच से सहमत नहीं हैं। ओवैसी देश और मुसलमानों के लिये भी अच्छे नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार से एक सवाल है कि ओवैसी की ही तरह बोलने वाले अन्य नेताओं पर पाबंदी क्यों नहीं लगायी गयी है।
पूर्व राज्यसभा सदस्य मदनी ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा, ‘हम सभी उम्मीद करते हैं कि हिन्दुस्तान पूरी दुनिया की अगुवाई करे। पड़ोसियों के साथ झगड़े और मनमुटाव इसके रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट हैं। इन बाधाओं को खत्म करने की किसी भी कोशिश का हमें समर्थन करना चाहिये।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अचानक मुलाकात करने जाना हर लिहाज से सराहनीय कोशिश है। अगर इसे जारी रखा जाए तो इससे मुल्क का ही फायदा होगा। पड़ोसियों से रिश्ते अच्छे होने से माहौल बेहतर होगा और विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के लिये आगे आएंगे, लेकिन अगर हालात ठीक नहीं होंगे तो निवेशक ठिठक जाएंगे।’
यह पूछे जाने पर कि क्या केन्द्र की मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, मदनी ने कहा, ‘दाल के दामों और महंगाई में कमी आ जाए तो कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल तो ऐसा कुछ हुआ नहीं है। वैसे, मोदी सरकार ज्यादा मोर्चों पर नाकाम ही है।’ खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान के बारे में धर्मगुरु ने कहा कि यह सिलसिला कतई ठीक नहीं है। इसे रोकने के लिये अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना बनायी जानी चाहिये।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी को जनसभा आयोजन की अनुमति नहीं दिये जाने के सवाल पर मदनी ने कहा कि वह ओवैसी की लहजे और सोच से सहमत नहीं हैं। ओवैसी देश और मुसलमानों के लिये भी अच्छे नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार से एक सवाल है कि ओवैसी की ही तरह बोलने वाले अन्य नेताओं पर पाबंदी क्यों नहीं लगायी गयी है।
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