एनसीपी नेता नवाब मलिक (फाइल फोटो)
मुंबई:
एनसीपी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मासिक रेडियो संबोधन ''मन की बात'' बंद कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी कही बातों का पालन करने में असफल रहे हैं और उनके वादों में लोगों ने ''विश्वास खो दिया है.''
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक बयान में कहा, ''मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से अपने विचार रखते हैं लेकिन दुर्भाग्य से वह अपनी ही बातों का पालन करने में बार-बार असफल रहे हैं. देशवासियों के बीच उनकी अब साख नहीं रही और इसलिए हम उनसे मांग करते हैं कि वह यह रेडियो कार्यक्रम बंद कर दें.''
मलिक ने आरोप लगाया कि चलन से बंद किये गए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बदलने पर केंद्र सरकार द्वारा रोक लगाये जाने के बाद लोग अब ''ठगा हुआ महसूस'' कर रहे हैं.
मलिक ने नोटबंदी के कारण आम आदमी को होने वाली मुश्किल को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ''500 और 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बंद करने पर देश को संबोधित करते हुए मोदी ने भरोसा दिया था कि वे 30 दिसंबर तक बैंक एवं डाकखाने के जरिये अपने नोट बदल सकेंगे (प्रतिदिन 4000 रुपये की सीमा) लेकिन इसे 15 दिन में ही बंद कर दिया गया और जो लोग ये सोच रहे थे कि उनके पास बदलने का लंबा समय है, वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.'' मलिक ने कहा कि लोग मोदी द्वारा किये जाने वाले वादों में ''विश्वास खो'' चुके हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक बयान में कहा, ''मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से अपने विचार रखते हैं लेकिन दुर्भाग्य से वह अपनी ही बातों का पालन करने में बार-बार असफल रहे हैं. देशवासियों के बीच उनकी अब साख नहीं रही और इसलिए हम उनसे मांग करते हैं कि वह यह रेडियो कार्यक्रम बंद कर दें.''
मलिक ने आरोप लगाया कि चलन से बंद किये गए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बदलने पर केंद्र सरकार द्वारा रोक लगाये जाने के बाद लोग अब ''ठगा हुआ महसूस'' कर रहे हैं.
मलिक ने नोटबंदी के कारण आम आदमी को होने वाली मुश्किल को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ''500 और 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बंद करने पर देश को संबोधित करते हुए मोदी ने भरोसा दिया था कि वे 30 दिसंबर तक बैंक एवं डाकखाने के जरिये अपने नोट बदल सकेंगे (प्रतिदिन 4000 रुपये की सीमा) लेकिन इसे 15 दिन में ही बंद कर दिया गया और जो लोग ये सोच रहे थे कि उनके पास बदलने का लंबा समय है, वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.'' मलिक ने कहा कि लोग मोदी द्वारा किये जाने वाले वादों में ''विश्वास खो'' चुके हैं.
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