द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के दक्षिण क्षेत्र के संगठन सचिव एमके अलागिरि को शुक्रवार को अस्थायी रूप से पार्टी से निलंबित कर दिया।
यह फैसला पार्टी के अगले सप्ताह तिरुचिरापल्ली में होने वाले राज्यस्तरीय सम्मेलन से पहले किया गया है।
पार्टी महासचिव के अनबाजगन ने कहा कि अलागिरि पार्टी के अंदर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं और पार्टी के विरुद्ध काम करने वाले कुछ सदस्यों के खिलाफ की गई अनुशसानात्मक कार्रवाई की आलोचना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अलागिरि का पार्टी में रहना उचित नहीं है और वह पार्टी के अनुशासन को समाप्त कर देंगे। हालांकि, अलागिरि का निलंबन अस्थायी है।
अनबाजगन ने कहा, सदस्यों को पार्टी हित में इस फैसले को स्वीकार करना चाहए और पार्टी के कामकाज के लिए एकजुट रहना चाहिए।
वहीं अलागिरी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'डीएमके में कोई लोकतंत्र नहीं है। मुझे शक है कि डीएमके अध्यक्ष को ब्लैकमेल किया गया है। मैं उन निलंबितों के लिए न्याय की मांग करूंगा। पार्टी ने मुझे निलंबित किया है।'
डीएमके प्रमुख एम.करुणानिधि के बेटे अलागिरि अपने भाई एम.के. स्टालिन को शीर्ष पद दिए जाने के खिलाफ हैं।
करुणानिधि ने 7 जनवरी को अलागिरी और अन्य को चेतावनी जारी कर कहा था कि पार्टी के विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके तहत संबंधित सदस्यों से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता वापस ली जा सकती है।
अलागिरी ने हालिया साक्षात्कार में लोकसभा चुनाव में पार्टी के डीएमडीके के साथ गठबंधन का विरोध किया था। उन्होंने यह विरोध करुणानिधि के गठबंधन का पक्ष लेने के बाद किया था, जिससे नाराज करुणानिधि ने अलागिरी के बयान को अफसोसजनक और निंदनीय करार दिया था। डीएमके प्रमुख ने कहा कि गठबंधन पर फैसला पार्टी की कार्यकारिणी और महापरिषद व अन्य इकाई ने लिया है।
हाल के समय में डीएमके ने मदुरई में अलागिरी के समर्थकों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी, जिसे अलागिरी का गढ़ माना जाता है।
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