एमजे अकबर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मोदी सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (M J Akbar) ने #MeToo अभियान के तहत अपने ऊपर लगे सेक्सुअल हैरासमेंट (यौन शोषण) के आरोपों के बाद अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया. एमजे अकबर के इस्तीफे को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि, इस्तीफा देने के बाद एमजे अकबर ने कहा कि वह अपने दम पर आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. आज यानी गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई होगी. रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये हैं. MeToo कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है. दरअसल, अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इससे पहले एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे. उनहोंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया. दरअसल, MeToo अभियान के तहत अभी तक 20 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया है. अकबर पर ये सभी मामले 10 से 15 साल पुराने हैं, जब अकबर मीडिया जगत से जुड़े हुए थे. एमजे अकबर ने मामले में सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है, मुकदमा लड़ने के लिए उन्होंने करांजावाला लॉ फर्म की मदद ली है.
#MeToo कैंपेन पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, बोले- यह पेट्रोल-डीजल के दाम, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए है
- कोर्ट ने अगली तारीख़ 31 अक्टूबर की मुकर्रर की है. इस दिन एमजे अख़बर कोर्ट में अपना बयान रिकार्ड कराएंगे.
- एमजे अकबर के वकील ने कहा कि प्रिया का दूसरा ट्वीट डीफ़ेमेटरी है. ये सब सोशल मीडिया, अख़बारों और पत्रिकाओं में ये ट्वीट छप रहे हैं जिससे मेरे क्लाइंट की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. ट्वीट के 1200 लाइक हुए और बहुत रीट्वीट भी हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी ख़बर छपने लगी है. एम जे अकबर को इस क़दर डीफ़ेम किया गया कि उन्होंने ख़ुद मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया. मेरे क्लाइंट का लंबा पत्रकारिता और राजनीतिक इतिहास रहा है. मेरे क्लाइंट की पिछले 40 साल में बनाई गई रिप्यूटेशन ख़राब हो रही है.
- अकबर की वकील गीता लूथरा ने जज को ट्वीट के बारे बताया कहा कि ट्वीट में एमजे का नाम नहीं लिया. वह कोर्ट में पत्रकार रमानी का स्टेटमेंट पढ़ रही हैं.
- अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस निजी आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई कर रहे हैं.
- एम जे अकबर ख़ुद कोर्ट में नहीं मौजूद नहीं हुए हैं. उनकी ओर से सीनियर वकील गीता लूथरा मौजूद हैं.
- आपराधिक मानहानि मामले में वरिष्ठ वकील गीता लूथरा एमजे अकबर की ओर से कोर्ट में पेश हो रही हैं. उन्होंने पत्रकार प्रिया रमनी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. कुछ देर में होगी सुनवाई शुरू.
- अब से कुछ देर में शुरू होगी एमजे अकबर के मानहानि मुकदमे की सुनवाई.
- महिलाओं की मदद के लिए तैयार एडिटर्स गिल्ड, एमजे अकबर से की केस वापस लेने की अपील
यौन शोषण के आरोप झेल रहे पूर्व विदेश राज्य मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर से एडिटर्स गिल्ड ने केस वापस लेने की अपील की है. साथ ही एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि वह पीड़ित महिलाओं की मदद करने के लिए तैयार है.
- आज दोपहर दो बजे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि के केस में सुनवाई होगी.
इस्तीफा के बाद एमजे अकबर का बयान:
एमजे अकबर ने इस्तीफा के बाद बयान दिया कि, ‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.' बयान में उन्होंने आगे कहा है ‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं.' उन्होंने कहा ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.' सूत्रों के अनुसार सरकार में एक राय थी कि मंत्री को इस मामले से निजी तौर पर लड़ना चाहिए न कि एक केन्द्रीय मंत्री के रूप में.
#MeToo के आरोपों से घिरे एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा, मानहानि केस में आज सुनवाई, मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.'' इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया.
अकबर मामले में राज्यसभा के सभापति-उपसभापति को रवीश कुमार का पत्र
लॉ फर्म कंपनी ने क्या कहा:
लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के उनके वकील संदीप कपूर ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष गुरूवार को निजी आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई होगी. वकील ने अकबर के संक्षिप्त इस्तीफा पत्र को भी आगे प्रेषित कर दिया है. अकबर ने अपने पत्र में कहा,‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.'
कपूर ने बताया कि क्योंकि मामला विचाराधीन है इसलिए कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा,‘‘हम पहले ही मानहानि मामला दायर कर चुके हैं और हम इसे अब अदालत में देखेंगे.' अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था और आरोप लगाया था कि रमानी ने उनके खिलाफ ‘‘जानबूझकर'' और ‘‘दुर्भावनापूर्ण'' तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाये हैं.
पत्रकार रमानी का बयान:
मानहानि के आरोपों का सामना करने के लिए अपनी तैयारी जाहिर करते हुए रमानी ने कहा था,‘‘मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करके अकबर ने उनके खिलाफ लगाए कई महिलाओं के गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय अपना रुख स्पष्ट कर दिया. वह डरा धमकाकर और प्रताड़ित करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं.' अकबर की याचिका में रमानी द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगाए गए मानहानिपूर्ण आरोपों का उल्लेख किया गया है और इसमें अकबर के पत्रकार के रूप में ‘‘लंबे और शानदार'' करियर का जिक्र किया गया है. VIDEO: प्राइम टाइम: #MeToo मुहिम के तहत गई अकबर की गद्दी
#MeToo कैंपेन पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, बोले- यह पेट्रोल-डीजल के दाम, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए है
MJ Akbar's Defamation Case Hearing Live Updates:
- कोर्ट ने अगली तारीख़ 31 अक्टूबर की मुकर्रर की है. इस दिन एमजे अख़बर कोर्ट में अपना बयान रिकार्ड कराएंगे.
- एमजे अकबर के वकील ने कहा कि प्रिया का दूसरा ट्वीट डीफ़ेमेटरी है. ये सब सोशल मीडिया, अख़बारों और पत्रिकाओं में ये ट्वीट छप रहे हैं जिससे मेरे क्लाइंट की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. ट्वीट के 1200 लाइक हुए और बहुत रीट्वीट भी हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी ख़बर छपने लगी है. एम जे अकबर को इस क़दर डीफ़ेम किया गया कि उन्होंने ख़ुद मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया. मेरे क्लाइंट का लंबा पत्रकारिता और राजनीतिक इतिहास रहा है. मेरे क्लाइंट की पिछले 40 साल में बनाई गई रिप्यूटेशन ख़राब हो रही है.
- अकबर की वकील गीता लूथरा ने जज को ट्वीट के बारे बताया कहा कि ट्वीट में एमजे का नाम नहीं लिया. वह कोर्ट में पत्रकार रमानी का स्टेटमेंट पढ़ रही हैं.
- अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस निजी आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई कर रहे हैं.
- एम जे अकबर ख़ुद कोर्ट में नहीं मौजूद नहीं हुए हैं. उनकी ओर से सीनियर वकील गीता लूथरा मौजूद हैं.
- आपराधिक मानहानि मामले में वरिष्ठ वकील गीता लूथरा एमजे अकबर की ओर से कोर्ट में पेश हो रही हैं. उन्होंने पत्रकार प्रिया रमनी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. कुछ देर में होगी सुनवाई शुरू.
Senior Advocate Geeta Luthra is appearing for #MJAkbar in the criminal defamation case. He had filed a criminal defamation case in Delhi's Patiala House Court against journalist Priya Ramani. The hearing will begin shortly. (file pic) pic.twitter.com/lqAyStZi2O
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- अब से कुछ देर में शुरू होगी एमजे अकबर के मानहानि मुकदमे की सुनवाई.
- महिलाओं की मदद के लिए तैयार एडिटर्स गिल्ड, एमजे अकबर से की केस वापस लेने की अपील
यौन शोषण के आरोप झेल रहे पूर्व विदेश राज्य मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर से एडिटर्स गिल्ड ने केस वापस लेने की अपील की है. साथ ही एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि वह पीड़ित महिलाओं की मदद करने के लिए तैयार है.
- आज दोपहर दो बजे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि के केस में सुनवाई होगी.
इस्तीफा के बाद एमजे अकबर का बयान:
एमजे अकबर ने इस्तीफा के बाद बयान दिया कि, ‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.' बयान में उन्होंने आगे कहा है ‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं.' उन्होंने कहा ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.' सूत्रों के अनुसार सरकार में एक राय थी कि मंत्री को इस मामले से निजी तौर पर लड़ना चाहिए न कि एक केन्द्रीय मंत्री के रूप में.
#MeToo के आरोपों से घिरे एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा, मानहानि केस में आज सुनवाई, मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.'' इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया.
अकबर मामले में राज्यसभा के सभापति-उपसभापति को रवीश कुमार का पत्र
लॉ फर्म कंपनी ने क्या कहा:
लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के उनके वकील संदीप कपूर ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष गुरूवार को निजी आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई होगी. वकील ने अकबर के संक्षिप्त इस्तीफा पत्र को भी आगे प्रेषित कर दिया है. अकबर ने अपने पत्र में कहा,‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.'
कपूर ने बताया कि क्योंकि मामला विचाराधीन है इसलिए कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा,‘‘हम पहले ही मानहानि मामला दायर कर चुके हैं और हम इसे अब अदालत में देखेंगे.' अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था और आरोप लगाया था कि रमानी ने उनके खिलाफ ‘‘जानबूझकर'' और ‘‘दुर्भावनापूर्ण'' तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाये हैं.
पत्रकार रमानी का बयान:
मानहानि के आरोपों का सामना करने के लिए अपनी तैयारी जाहिर करते हुए रमानी ने कहा था,‘‘मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करके अकबर ने उनके खिलाफ लगाए कई महिलाओं के गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय अपना रुख स्पष्ट कर दिया. वह डरा धमकाकर और प्रताड़ित करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं.' अकबर की याचिका में रमानी द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगाए गए मानहानिपूर्ण आरोपों का उल्लेख किया गया है और इसमें अकबर के पत्रकार के रूप में ‘‘लंबे और शानदार'' करियर का जिक्र किया गया है. VIDEO: प्राइम टाइम: #MeToo मुहिम के तहत गई अकबर की गद्दी
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