मिजोरम में 11 साल की बच्ची ने बहादुरी की मिसाल कायम की है. उसने अपनी हिम्मत और साहस से एक बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से छुड़ा लिया. एक महिला ने मानव तस्करी के लिए इस बच्ची का अपहरण किया था. उत्तरी रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) एल.खिआंगते ने यहां बताया कि आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है और बुधवार रात को अहृपत बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया गया.
उन्होंने बताया कि 11 साल की कैरोलिन मालस्वामटलुआंगी सोमवार शाम पूर्वी आइजोल के ज़ुंग्तुई इलाके में अपने घर के पास अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी तभी एक अनजान बच्ची भी उनके साथ खेलने लगी. उस वक्त मालस्वामटलुआंगी ने उस बच्ची पर उतना ध्यान नहीं दिया लेकिन अगले दिन सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी उसी बच्ची की तलाश में उसके इलाके में आए और मालस्वामटलुआंगी से लापता बच्ची का फोटो दिखाकर पूछा तो उसने इस बच्ची को देखने की बात कही.
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खिआंगते ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने मालस्वामटलुआंगी से कहा कि अगर उसे यह बच्ची फिर से दिखे तो वह पुलिस को सूचित करे. इसके बाद मालस्वामटलुआंगी खुद ही अपने इलाके में अपहृत बच्ची की तलाश में जुट गई और उसने एक महिला के घर में बच्ची का पता लगा लिया. यह बच्ची, ज़ोनुनसांगिन फनाई (31) के घर पर थी जिसने उसका अपहरण कर लिया था.
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उन्होंने बताया कि मौका भांप कर मालस्वामटलुआंगी ने बच्ची को अपनी पीठ पर लादा और अपने घर की ओर दौड़ पड़ी, लेकिन महिला ने उसे देख लिया और रूकने को कहा तथा ऐसा नहीं करने पर पथराव करने की धमकी भी दी. लेकिन मालस्वामटलुआंगी सीधे अपने घर जा कर ही रूकी और पूरी कहानी अपने माता-पिता को सुनाई. इसके बाद, उसके माता-पिता ने पुलिस को सूचित किया और फनाई को गिरफ्तार कर लिया गया.
खिआंगते ने बताया कि फनाई ने दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई जिले के एक गांव से रविवार को बच्ची का कथित रूप से अपहरण किया था और उसे आइजोल ले आई थी. स्थानीय अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
(इनपुट भाषा से)
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