यह ख़बर 13 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जम्मू-कश्मीर के मंत्रियों ने मोदी से मुलाकात की, बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि राज्य में आई भयावह बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए तथा प्रभावित इलाकों में अनाज एवं दूसरी जरूरी वस्तुओं की सहज आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल रहीम राथर के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद के लिए कई मांगों को शामिल किया गया है।

इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ मंत्री अली मोहम्मद सागर ने बताया, 'प्रधानमंत्री बहुत सकारात्मक थे और हमें इस संकट से उबरने के लिए पूरी मदद का भरोसा दिया है।' इस प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए ताकि राज्य को केंद्र से अधिक अनुदान और वित्तीय संस्थानों से आसान कर्ज का फायदा मिल सके।

सागर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से यह भी आग्रह किया कि प्रत्येक उस व्यक्ति को पांच लाख रुपये की तत्काल राहत मुहैया कराई जाए जिसका मकान क्षतिग्रस्त हुआ है।

सागर ने कहा कि राज्य सरकार ने 60,000 मीट्रिक टन अनाज का वितरण आज से शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, 'आज से हमने लोगों के बीच अनाज का वितरण शुरू किया है। हमने केंद्र से और अधिक अनाज की मांग की है और अगर राज्य सरकार के पास भंडारण की सुविधा रहेगी तो प्रधानमंत्री ने हमें इतना और इससे अधिक का भरोसा दिया है।'

सागर ने कहा कि लोगों में नाराजगी है और 'यह सामान्य है।' लोग करीब छह दिनों से अपने घरों में फंसे हैं और उनके पास कोई राहत नहीं पहुंची है। उनका गुस्सा जायज है।

इस प्रतिनिधिमंडल में उप मुख्यमंत्री तारा चंद, चौधरी मोहम्मद रमजान, श्याम लाल शर्मा और अजय सादोत्रा भी शामिल थे।

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राहत एवं बचाव कार्य में सेना की भूमिका की सराहना करते हुए सागर ने कहा कि सभी लोगों के निरंतर प्रयास के कारण जान के नुकसान को कम किया गया है।