केरल से उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित घरों को जाने के लिए पैदल ही निकले कम से कम 100 प्रवासी कामगारों को पुलिस ने मंगलवार को रोककर उन्हें उनके शिविरों में वापस भेज दिया. कामगारों का आरोप है कि उन्हें शिविरों में पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिल रहा है और न ही सरकार उनके लौटने के लिए रेलगाड़ियों की व्यवस्था कर रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार के कामगारों ने कहा, ‘हम अपने गृह प्रदेशों को लौटना चाहते हैं. दिन में एक बार खाना दिया जा रहा है और हमारे पास पैसे नहीं है. कोई काम भी नहीं है.' पानी की बोतल और अपना कुछ समान लेकर ये कामगार प्लाईवुड उद्योग के केंद्र वल्लापटनम से घरों के लिए निकले थे लेकिन रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने उन्हें देखा और इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी.
कुछ मजदूरों ने आरोप लगाया कि चार व्यक्तियों के परिवार को केवल दो किलो गेंहू मिल रहा है और सवाल किया कि ऐसे में वे कैसे गुजारा करें. सुशील कुमार नामक कामगार ने कहा, ‘हम घर जाना चाहते हैं. हम यहां तक कि घर पैदल जाने को तैयार हैं.' कामगारों के इन समूहों को पुलिस ने रोका और पूछताछ के बाद शिविरों में वापस भेज दिया.
बाद में इन प्रवासी कामगारों को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से संबंधित शिविरों में भेजा गया. इस बीच, जिले के अधिकारियों ने कहा कि कामगारों की शिकायतों पर गौर किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि 15 मई तक 29 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से करीब 33 हजार प्रवासी कामगारों को केरल से उनके गृह प्रदेश भेजा गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं