भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या.
नई दिल्ली:
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मुलाकात की थी. लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने यह बात कही. माल्या ने दावा किया कि देश छोड़ने से पहले वह अरुण जेटली से मिलकर आए थे. माल्या ने कहा, 'मैं मामला निपटाने को लेकर जेटली से मिला था. मैं बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए. माल्या ने कहा कि मुझे बलि का बकड़ा बनाया गया. बैंकों का करीब 9 हज़ार करोड़ लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर आज लंदन की अदालत में सुनवाई हुई. बता दें कि जिस समय माल्या देश छोड़कर गए, उस समय अरुण जेटली वित्त मंत्री थे. उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या को गलत ठहराया. उन्होंने कहा कि माल्या ने सांसद की हैसियत का गलत इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि माल्या से मेरी मुलाकात सिर्फ 40 सेकंड के लिए हुई थी.
जेटली ने कहा कि 2014 के बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया, लेकिन माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी.
वित्त मंत्री ने फेसबुक पर एक लेख में माल्या के लंदन में दिए गए बयान को 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया. उन्होंने कहा कि उसके बयान में 'सच्चाई नहीं है.' उन्होंने लिखा है, '2014 के बाद से मैंने उसे मिलने का समय नहीं दिया है और उससे उनकी मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता.' जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी-कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया. वित्त मंत्री ने लिखा है, 'उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया. चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास ऋण के समाधान की एक योजना है.'
जेटली ने कहा, 'उसकी पहले की ऐसी 'झूठी पेशकश' के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि 'मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.' वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या के हाथ में कुछ कागज थे, जो उन्होंने नहीं लिए. जेटली ने कहा कि इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा उन्होंने कभी इस शराब कारोबारी को समय नहीं दिया.
उधर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने माल्या के दावे पर कहा कि सरकार को
बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया. मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की
मुलाकातों का ब्योरा देना पड़ेगा.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास' भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है. मोदी जी, छोटा मोदी #1,छोटा मोदी #2,'हमारे मेहुल भाई', अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों लुटवाकर, विदेश भगा दिया. विजय माल्या, तो अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है!
बता दें कि इससे पहले वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के अधिकारियों ने मुंबई की आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का विडियो पेश किया. इससे पहले जुलाई में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की न्यायाधीश एमा अर्बुथनाट ने कहा था कि उनके 'संदेहों को दूर करने के लिए' भारतीय अधिकारी आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का 'सिलसिलेवार वीडियो' जमा करने को कहा था. भारत सरकार की तरफ से क्राउन प्रासिक्यूसन सर्विस (सीपीएस) ने जिरह की थी और वीडियो अदालत के लिए रजामंदी जताई थी. इसके बाद ही आर्थर रोड जेल का वीडियो कोर्ट में जमा किया गया था.
VIDEO : भारत छोड़ने से पहले जेटली से मिले थे माल्या
I met the finance minster to settle matters before I left. The banks had filed objections to my settlement letters: Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court
— ANI (@ANI) September 12, 2018
जेटली ने कहा कि 2014 के बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया, लेकिन माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी.
#WATCH Finance Minister Arun Jaitley says, "I never gave him an appointment" on Vijay Mallya's claim that he met the Finance Minister before he left. pic.twitter.com/aGxlD69NHY
— ANI (@ANI) September 12, 2018
वित्त मंत्री ने फेसबुक पर एक लेख में माल्या के लंदन में दिए गए बयान को 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया. उन्होंने कहा कि उसके बयान में 'सच्चाई नहीं है.' उन्होंने लिखा है, '2014 के बाद से मैंने उसे मिलने का समय नहीं दिया है और उससे उनकी मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता.' जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी-कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया. वित्त मंत्री ने लिखा है, 'उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया. चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास ऋण के समाधान की एक योजना है.'
जेटली ने कहा, 'उसकी पहले की ऐसी 'झूठी पेशकश' के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि 'मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.' वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या के हाथ में कुछ कागज थे, जो उन्होंने नहीं लिए. जेटली ने कहा कि इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा उन्होंने कभी इस शराब कारोबारी को समय नहीं दिया.
उधर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने माल्या के दावे पर कहा कि सरकार को
बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया. मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की
मुलाकातों का ब्योरा देना पड़ेगा.
“भगौड़ो का साथ, लुटेरों का विकास” भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 12, 2018
मोदी जी,
छोटा मोदी #1,छोटा मोदी #2,‘हमारे मेहुल भाई’,अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ो लुटवा,विदेश भगा दिया।
विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिल,विदाई लेकर,देश का पैसा लेकर भाग गया है?
चौकीदार नहीं,भागीदार है! pic.twitter.com/2fA83FhvQc
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास' भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है. मोदी जी, छोटा मोदी #1,छोटा मोदी #2,'हमारे मेहुल भाई', अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों लुटवाकर, विदेश भगा दिया. विजय माल्या, तो अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है!
बता दें कि इससे पहले वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के अधिकारियों ने मुंबई की आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का विडियो पेश किया. इससे पहले जुलाई में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की न्यायाधीश एमा अर्बुथनाट ने कहा था कि उनके 'संदेहों को दूर करने के लिए' भारतीय अधिकारी आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का 'सिलसिलेवार वीडियो' जमा करने को कहा था. भारत सरकार की तरफ से क्राउन प्रासिक्यूसन सर्विस (सीपीएस) ने जिरह की थी और वीडियो अदालत के लिए रजामंदी जताई थी. इसके बाद ही आर्थर रोड जेल का वीडियो कोर्ट में जमा किया गया था.
VIDEO : भारत छोड़ने से पहले जेटली से मिले थे माल्या
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