मथुरा में हुई हिंसा के बाद उत्तरप्रदेश की सरकार पर विपक्ष द्वारा निशाना साधा जा रहा है। यूपी में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसे में मथुरा की यह घटना एक बड़ा सियासी सवाल खड़ा करने जा रही है। विपक्ष ने यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर तीखे हमले बोले हैं।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यूपी सरकार की छवि देश की सबसे खराब सरकार की छवि है। साथ ही बसपा नेता ने मथुरा मामले की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सपा सरकार इस हिंसक घटना को गंभीरता से नहीं ले रही है और मुख्यमंत्री मथुरा न जाकर बुंदलेखंड का दौरा कर रहे हैं। इस कारण इस मामले की ‘समयबद्ध न्यायिक जांच’ होनी चाहिये ताकि इस दु:खद घटना की तह में जाकर सच का पता चल सके।
यही नहीं मायावती ने मांग की है कि प्रदेश में जंगलराज को दर्शाती इस अप्रिय घटना की जिम्मेदारी लेते हुये अखिलेश यादव सरकार को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिये। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि करीब ढाई साल पहले जवाहर बाग पर कब्जा करने वालों को सपा का पूरा-पूरा संरक्षण प्राप्त था और वह उसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिये करना चाहती थी। यह सब गहन जांच का विषय हैं। उन्होंने सवाल किया कि जवाहर बाग में दो साल पहले अवैध क़ब्जा क्यों होने दिया गया और कब्जाधारियों को इस हद तक छूट क्यों दी गई कि वे अवैध हथियार वहां जमा करते गये और यहां तक कि अवैध हथियार बनाने का कारखाना तक बना लिया।
इस मौके पर मायावती ने लगे हाथ केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा हुआ कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व की कांग्रेस सरकार के पद चिन्हों पर राजग सरकार चल रही है। मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर मायावती ने कहा कि इस पूरे कार्यकाल में सरकार ने हवाई वादों के अलावा कुछ भी नहीं किया है।
(इनपुट भाषा से भी)
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