पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ.
नई दिल्ली:
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शिरकत करने पर विवाद चल रहा है. कांग्रेस के कई नेताओं के अलावा मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुख्रर्जी ने भी अपने पिता के नागपुर में संघ मुख्यालय में जाने के फैसले पर आपत्ति जताई है. हालांकि प्रणब मुखर्जी से पहले कांग्रेस और अन्य संगठनों के देश के कई दिग्गज नेता आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने वर्धा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर का दौरा किया था. बाद में उन्होंने कहा था कि वे संगठन के 'कड़े अनुशासन, सादगी और भेदभाव की अनुपस्थिति' से प्रभावित हुए. पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, फील्ड मार्शल केएम करियप्पा समेत अन्य हस्तियां भी आरएसएस के समारोहों में भाग ले चुकी हैं.
यह भी पढ़ें : प्रणब मुखर्जी को बेटी शर्मिष्ठा की नसीहत, 'भाषण को भुला दिया जाएगा, तस्वीरें हमेशा याद रहेंगी'
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सन 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान संघ की भूमिका को देखते हुए इसे 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. सन 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय सर्वदलीय बैठक में आरआरएस को आमंत्रित किया था.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने वर्धा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर का दौरा किया था. बाद में उन्होंने कहा था कि वे संगठन के 'कड़े अनुशासन, सादगी और भेदभाव की अनुपस्थिति' से प्रभावित हुए. पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, फील्ड मार्शल केएम करियप्पा समेत अन्य हस्तियां भी आरएसएस के समारोहों में भाग ले चुकी हैं.
यह भी पढ़ें : प्रणब मुखर्जी को बेटी शर्मिष्ठा की नसीहत, 'भाषण को भुला दिया जाएगा, तस्वीरें हमेशा याद रहेंगी'
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सन 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान संघ की भूमिका को देखते हुए इसे 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. सन 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय सर्वदलीय बैठक में आरआरएस को आमंत्रित किया था.