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This Article is From Sep 27, 2020

कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने दिखाया दमखम, किसान 'आत्मनिर्भर भारत' का आधार : PM मोदी के 'मन की बात'

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है.

PM Modi On Mann ki Baat: प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में शहीद भगत सिंह को किया याद (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मन की बात  (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये रविवार को देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया और उनका किस्सा सुनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है. उन्होंने कहा, "संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है. देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गाँव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी."

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है. पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ.

मन की बात में उन्होंने कहा कि 3-4 साल पहले ही महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को APMC के दायरे से बाहर किया गया था. इस बदलाव ने महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है. इन किसानों के अपने फल - सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है 

पीएम मोदी ने कहा कि आज, गांव के किसान sweet corn और baby corn की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं. पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाज़ार खुद चला रहे हैं. इन बाज़ारों में, लगभग 70 गाँवों के, साढ़े चार हज़ार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है - कोई बिचौलिया नहीं."

शहीद भगत सिंह को किया याद
एक-सौ-एक साल पुरानी बात है. 1919 का साल था. जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद एक बारह साल का लड़का उस घटनास्थल पर गया. वह खुशमिज़ाज और चंचल बालक, लेकिन, उसने जलियांवाला बाग में जो देखा, वह उसकी सोच के परे था. वह स्तब्ध था, यह सोचकर कि कोई भी इतना निर्दयी कैसे हो सकता है. वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था. उसी जलियांवाला बाग़ में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ लड़ने की कसम खायी. क्या आपको पता चला कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ? हाँ! मैं, शहीद वीर भगतसिंह की बात कर रहा हूं. कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयन्ती मनायेंगे."

पीएम मोदी ने किया सर्जिकल स्ट्राक का जिक्र
उन्होंने कहा, "चार साल पहले, लगभग यही समय था, जब, surgical strike के दौरान दुनिया ने हमारे जवानों के साहस, शौर्य और निर्भीकता को देखा था. हमारे बहादुर सैनिकों का एक ही मकसद और एक ही लक्ष्य था, हर कीमत पर, भारत माँ के गौरव और सम्मान की रक्षा करना. "उन्होंने, अपनी ज़िंदगी की जरा भी परवाह नहीं की. वे, अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते गए और हम सबने देखा कि किस प्रकार वे विजयी होकर के सामने आये. भारत माता का गौरव बढ़ाया."

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