सीबीएसई (CBSE) के दसवीं की परीक्षा रद्द करने और बारहवीं की परीक्षा टालने पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने NDTV से कहा कि ''मुझे खुशी है कि बच्चों को थोड़ी राहत मिलेगी. खास तौर से दसवीं के बच्चों पर अब तनाव भी नहीं बचा है क्योंकि उनको उनके पिछले एसेसमेंट के आधार पर और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर प्रमोट कर दिया जाएगा.'' मनीष सिसोदिया ने कहा कि CBSE के 12वीं के बच्चों को भी उनके इंटरनल एसेसमेंट और एक साल परफार्मेंस के आधार पर पास किया जाता तो अच्छा होता.
उन्होंने कहा कि ''12वीं के बच्चों को अभी इंतजार करना होगा, एक जून के बाद जो भी फैसला होगा. लेकिन फिर भी उनको 4 मई से एग्जाम देने नहीं जाना पड़ेगा, वरना हम सबको यह डर था कि हमारे स्कूल और एग्जामिनेशन सेंटर कहीं ना कहीं कोरोना सेंटर बन जाएंगे. इसलिए पिछले चार-पांच दिन से हमारी सरकार की ओर से भी लगातार केंद्र सरकार से रिक्वेस्ट की जा रही थी.''
सिसोदिया ने कहा कि ''ओवरऑल पढ़ाई को जो नुकसान हो रहा है, वह स्कूल बंद होने से हो रहा है, एग्जाम होने या ना होने से नहीं. एग्जाम ना होने से मैं नहीं मानता कोई नुकसान होता है क्योंकि यह थ्योरियां बहुत पुरानी हो गई हैं कि बच्चों को पूरे साल पढ़ाएं और आखिरी में 3 घंटे में बच्चे का आकलन करें. अच्छा होता कि 12वीं के बच्चों को भी इंटरनल एसेसमेंट और एक साल के परफॉर्मेंस के आधार पर पास कर दिया जाता, ताकि वे आगे की तैयारी कर सकते.''
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