नई दिल्ली: (Manish Gupta Murder Case) यूपी के गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंच गया है. कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है. उन्होंने कोर्ट से कहा है कि उन्हें यूपी पुलिस की एसआईटी (SIT) जांच पर भरोसा नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश की है.
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याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने पहले इसे दुर्घटना बताया और फिर मामले में 48 घंटे बाद एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. लिहाजा मामले की जांच CBI को सौंपी जाए और ट्रायल को दिल्ली की CBI कोर्ट में ही ट्रांसफर किया जाए.
बता दें कि कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने गए थे. तीनों युवक तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे. 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे.
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कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया. आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया था, मगर बाद में केस दर्ज किया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं. मनीष की पत्नी मीनाक्षी की शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.
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