अभिषेक मिश्रा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हाल ही में एक युवक ने ओला कैब की बुकिंग को महज इसलिए कैंसिल कर दिया क्योंकि उस ओला कैब का ड्राइवर मुस्लिम था. वह यहां ही नहीं रुका, उसने इस घटना को पोस्ट भी कर दिया, फिर होना क्या था, ट्विटर पर तो इस मुद्दे पर बहस ही छिड़ गई. दरअसल, मुस्लिम ड्राइवर होने की वजह से कैब को कैंसिल करने वाले शख्स का नाम है अभिषेक मिश्रा. अभिषेक मिश्रा खुद को विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा हुआ बताते हैं. ट्विटर पर करीब 14 हजार उनके फॉलोअर हैं, जिनमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा जैसे कई बड़े नाम भी शामिल हैं.
दरअसल, अभिषेक मिश्रा ने 20 अप्रैल को ओला कैब की, मगर उसका ड्राइवर मुस्लिम होने की वजह से उन्होंने कैंसिल कर दिया और ट्विटर पर इसका स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट कर दिया. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, मैंने ओला कैब कैंसिल कर दी, क्योंकि मैं जिहादी को अपना पैसा नहीं देना चाहता. अभिषक ने जो स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है, उसमें ड्राइवर का नाम मसूद आलम दिख रहा है.
हालांकि, अभिषेक मिश्रा के ट्वीट के जवाब में शनिवार की शाम को ओला कैब ने कहा, 'ओला भी बिल्कुल हमारे देश की तरह ही एक धर्मनिरपेक्ष है. हम जाति, धर्म, जेंडर या पंथ के आधार पर अपने ड्राइवर, कर्मचारी और ग्राहकों के साथ भेदभाव नहीं करते हैं. हम अपने सभी ग्राहकों और ड्राइवर और भागीदारों से आग्रह करते हैं कि एक दूसरे का हर वक्त सम्मान करें और अच्छे से पेश आएं.
अभिषेक का यह ट्वीट इतना वायरल हो गया कि यह बहस का मुद्दा ही बन गया. ट्विटर पर कईयों ने ओला कैब से अभिषेक मिश्रा को बैन करने के लिए कहा. अन्य ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उसके कथित लिंक की बात कही और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.
दरअसल, अभिषेक मिश्रा ने 20 अप्रैल को ओला कैब की, मगर उसका ड्राइवर मुस्लिम होने की वजह से उन्होंने कैंसिल कर दिया और ट्विटर पर इसका स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट कर दिया. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, मैंने ओला कैब कैंसिल कर दी, क्योंकि मैं जिहादी को अपना पैसा नहीं देना चाहता. अभिषक ने जो स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है, उसमें ड्राइवर का नाम मसूद आलम दिख रहा है.
हालांकि, अभिषेक मिश्रा के ट्वीट के जवाब में शनिवार की शाम को ओला कैब ने कहा, 'ओला भी बिल्कुल हमारे देश की तरह ही एक धर्मनिरपेक्ष है. हम जाति, धर्म, जेंडर या पंथ के आधार पर अपने ड्राइवर, कर्मचारी और ग्राहकों के साथ भेदभाव नहीं करते हैं. हम अपने सभी ग्राहकों और ड्राइवर और भागीदारों से आग्रह करते हैं कि एक दूसरे का हर वक्त सम्मान करें और अच्छे से पेश आएं.
अभिषेक का यह ट्वीट इतना वायरल हो गया कि यह बहस का मुद्दा ही बन गया. ट्विटर पर कईयों ने ओला कैब से अभिषेक मिश्रा को बैन करने के लिए कहा. अन्य ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उसके कथित लिंक की बात कही और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.
अभिषेक मिश्रा के फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वह अयोध्या के रहने वाले हैं और लखनऊ में आईटी प्रोफेशनल के तौर पर काम करते हैं. उनका दावा है कि वह विश्व हिंदू परिषद और बजरगं दल के सक्रिय सदस्य हैं. बता दें कि यह दोनों राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े संगठन हैं. साथ ही वह वीएचपी के आईटी सल के लिए भी काम करते हैं.So this bigot who cancelled Ola ride coz driver was a Muslim, is a SM consultant at Ministry of Transport, @UPGovt ! And previously was with Ministry of Commerce, GOI ! Do we expect any action by @myogiadityanath ? pic.twitter.com/v38MeCddRd
— कोमल 🇮🇳 (@Komal_Indian) April 22, 2018
जैसे-जैसे प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुईं, अभिषेक ने एक और पोस्ट किया और लिखा, 'लोगों ने मुझ पर हमले शुरु कर दिये हैं. क्या मुझे चुनने का कोई अधिकार नहीं है? अगर वे कैब पर हनुमान जी पोस्टर के खिलाफ अभियान चला सकते हैं, कुठुआ में हिंदुओं और हिंदुओं के देवता को बदनाम कर सकते हैं तो उन्हें जवाब के लिए भी तैयार रहना चाहिए'@Olacabs requesting Ola to ban this guy immediately from ur passenger list and black list him or Ola should tell us they encourage this behaviour o discrimination towards their drivers. https://t.co/HyiDSQyI64
— Midhat Kidwai (@midhatkidwai) April 22, 2018
ट्विटर पर कुछ ने अभिषेक का बचाव भी किया और उसके इस कदम को अभिव्यक्ति की आजादी का नाम दिया.If this views acceptable then why my views are not acceptable ? pic.twitter.com/170MWQuBpn
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) April 22, 2018
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